बीबीसी द्वारा जनवरी में गुजरात दंगों में नरेंद्र मोदी की भूमिका को रेखांकित करने वाली डॉक्यूमेंट्री रिलीज़ किए जाने के बाद फरवरी में इसके दिल्ली और मुंबई के कार्यालयों में आयकर विभाग ने 'सर्वे' किया था. अब ईडी ने इसके ख़िलाफ़ कथित 'विदेशी मुद्रा उल्लंघन' का मामला दर्ज किया है.
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मनी लॉन्ड्रिंग निवारण अधिनियम के तहत 5,422 मामले दर्ज किए हैं, लेकिन अब तक केवल 23 व्यक्तियों को दोषी ठहराया गया है- जो 0.5% से कम है.
लोकसभा में दिए गए आंकड़ों से पता चलता है कि 11,420 फेमा मामलों को मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के पहले तीन वर्षों में जांच के लिए लिया गया था. पहले कार्यकाल के पहले तीन वर्षों में ये सिर्फ 4,424 मामलों थे, जो 158 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि है. मनी लॉन्ड्रिंग के तहत 2014-15 से 2016-17 के बीच 489 मामलों की तुलना में 2019-20 से 2021-22 में 2,723 मामले दर्ज किए गए, जो कि 456 प्रतिशत का उछाल है.
एमनेस्टी इंटरनेशनल इंडिया की ओर से कहा गया कि हम दोहराते हैं कि वित्त मंत्रालय के तहत आने वाले ईडी का यह आरोप पूरी तरह असत्य है कि एमनेस्टी इंटरनेशनल इंडिया ‘मनी लॉन्ड्रिंग’ में शामिल था. मानवाधिकार संगठन ने कहा कि दमनकारी क़ानूनों के तहत अपने आलोचकों पर शिकंजा कसना मौजूदा केंद्र सरकार में आम बात हो गई है.
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने विदेशी मुद्रा विनिमय क़ानून के उल्लंघन के लिए एमनेस्टी इंडिया और इसके पूर्व सीईओ आकार पटेल पर यह जुर्माना लगाया है. पटेल ने इस आदेश को अदालत में चुनौती देने की बात कही है. उन्होंने कहा है कि ईडी सरकार है, न्यायपालिका नहीं. हम न्यायालय में इसका मुक़ाबला करेंगे.
आरोप है कि बेंगलुरु में ईडी के जांचकर्ताओं से पूछताछ के दौरान शाओमी इंडिया के शीर्ष अधिकारियों को शारीरिक हिंसा और धमकी का सामना करना पड़ा. बीते अप्रैल माह में ईडी ने विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम का उल्लंघन करने के मामले में शाओमी के बैंक खातों में जमा 5,551 करोड़ रुपये ज़ब्त करने की बात कही थी. हालांकि कर्नाटक हाईकोर्ट ने इस पर रोक लगा दी है.
ईडी ने कहा कि मोबाइल निर्माण कंपनी ने 5,551.27 करोड़ रुपये के बराबर विदेशी मुद्रा को रॉयल्टी के नाम पर विदेश स्थित तीन कंपनियों को भेजा है. इनमें शाओमी समूह की एक कंपनी भी शामिल है. अन्य दो अमेरिकी असंबद्ध कंपनियों को भेजी गई राशि भी अंतत: शाओमी समूह की कंपनियों के लाभ के लिए थी.
मानवाधिकार संगठन एमनेस्टी इंटरनेशनल इंडिया ने देश में अपना काम बंद करने का यह क़दम ईडी द्वारा उसके खातों को फ्रीज किए जाने के बाद उठाया है. संगठन के इस क़दम से क़रीब 150 कर्मचारियों की नौकरी चली जाएगी.
एमनेस्टी इंटरनेशनल इंडिया ने कहा कि पिछले एक वर्ष के दौरान जब भी एमनेस्टी इंडिया भारत में मानवाधिकार उल्लंघनों के खिलाफ खड़ा हुआ है और बोला है तब उसे उत्पीड़न का सामना करना पड़ा है.
केंद्र सरकार साल 2014 से अब तक ग्रीनपीस, फोर्ड फाउंडेशन और सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ के संगठन समेत 16 हज़ार से अधिक एनजीओ के एफसीआरए लाइसेंस रद्द कर चुकी है.
प्रवर्तन निदेशालय ने विदेशी मुद्रा विनिमय धोखाधड़ी के एक मामले में मानवाधिकार निगरानी संस्था एमनेस्टी इंटरनेशनल इंडिया के दो ठिकानों पर छापा मारा था.