द वायर बुलेटिन: आज की ज़रूरी ख़बरों का अपडेट.
एफ़आईआर में एनजीओ ऑक्सफैम इंडिया के ख़िलाफ़ विदेशी फंडिंग लाइसेंस की शर्तों का उल्लंघन करने और विदेशी सरकारों तथा संस्थानों का उपयोग करके लाइसेंस को नवीनीकृत करने के लिए केंद्र सरकार पर दबाव बनाने का प्रयास करने के आरोप लगाए गए हैं. जनवरी 2022 में गृह मंत्रालय द्वारा इस संगठन के एफ़सीआर लाइसेंस का नवीनीकरण नहीं किया गया था.
पूर्व वित्त सचिव ईएएस सरमा ने कैबिनेट सचिव राजीव गौबा को लिखे एक पत्र में कहा है कि विदेशी चंदे को लेकर मूल समस्या से निपटने के बजाय हर्ष मंदर के एनजीओ अमन बिरादरी का उत्पीड़न न्याय का उपहास करना है.
एंटी-नेशनल, भारत विरोधी जैसे शब्द आपातकाल के सत्ताधारियों की शब्दावली का हिस्सा थे. आज कोई और सत्ता में है और अपने आलोचकों को देश का दुश्मन बताते हुए इसी भाषा का इस्तेमाल कर रहा है.
विदेशी चंदा नियमन क़ानून में संशोधन को लोकसभा ने बिना किसी चर्चा के पारित कर दिया गया. भाजपा और कांग्रेस को मिलेगी बड़ी राहत.
द वायर की रिपोर्ट पर इंडिया फाउंडेशन की प्रतिक्रिया बेहद असंतोषजनक है. फाउंडेशन द्वारा न तो रिपोर्ट में उठाये गये और न ही निदेशकों को भेजे गए किसी सवाल का स्पष्ट जवाब दिया गया है.
विशेष रिपोर्ट: शौर्य डोभाल द्वारा संचालित इंडिया फाउंडेशन में मोदी सरकार के मंत्री निदेशक हैं. यह संस्थान कई ऐसे कॉरपोरेट्स से चंदा लेता है, जो सरकार के साथ सौदे भी करते हैं.