गुजरात हाईकोर्ट ने साल 2020 में स्पेशल ऑपरेशंस ग्रुप द्वारा बांग्लादेशी नागरिक होने के संदेह में हिरासत में लिए गए आमिर सिदिकभाई शेख़ की सशर्त रिहाई के निर्देश दिए हैं. आमिर की हिरासत के बाद उनकी मां ने मतदाता पहचान-पत्र, आधार कार्ड और राशन कार्ड जैसे पहचान और नागरिकता के कई साक्ष्य पेश किए थे, लेकिन इन पर ग़ौर नहीं किया गया.
वीडियो: पिछले साल दक्षिण दिल्ली स्थित निज़ामुद्दीन मरकज़ कोरोना वायरस के प्रसार का एक केंद्र बनकर उभरा था. यहां तबलीग़ी जमात के कार्यक्रम में देश-विदेश से तमाम लोग शामिल हुए थे, जिनके ख़िलाफ़ संक्रमण फैलाने को लेकर केस दर्ज किया गया था. आरोपियों में शामिल कई विदेशी नागरिक आज भी अपने घर लौटने के लिए संघर्ष कर रहे हैं.
पुलिस ने पुनरीक्षण याचिकाएं दायर कर अनुरोध किया था कि जिन अपराधों में 36 विदेशी नागरिकों को आरोपमुक्त किया गया था, उनमें आरोप तय किए जाएं. वहीं, सुप्रीम कोर्ट ने तबलीग़ी जमात के नौ विदेशी सदस्यों के भारत की यात्रा करने पर 10 साल के प्रतिबंध के कर्नाटक उच्च न्यायालय के फैसले को अमान्य कर दिया है.
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने लोकसभा को बताया कि असम में विदेशी नागरिकों से जुड़े मामलों का निस्तारण करने वाले न्यायाधिकरण के समक्ष ‘डाउटफुल वोटर्स’ के 83,008 मामले लंबित हैं.
हाल ही में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने असम एनआरसी की तारीफ़ करते हुए कहा था कि असम में इसका कार्यान्वयन उत्तर प्रदेश के लिए उदाहरण का काम करेगा. उनके अनुभव का इस्तेमाल करते हुए हम इसे यहां चरणबद्ध रूप में शुरू कर सकते हैं.