पुस्तक समीक्षा: आंदोलन के साथ ही आंदोलनों का दस्तावेज़ीकरण एक महत्वपूर्ण और ज़िम्मेदारी भरा काम है. पत्रकार मनदीप पुनिया ने कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ किसानों के आंदोलन की यात्रा को तथ्यों के साथ रचनात्मक तरीके से दर्ज करते हुए इसी दिशा में प्रयास किया है.
वीडियो: एक साल से जारी ऐतिहासिक किसान आंदोलन में किसानों ने बहुत कुछ खोया है. इस दौरान क़रीब 700 से ज़्यादा किसानों की मौत हुई, किसी ने आत्महत्या की, तो किसी की बीमारी के चलते जान गई. आंदोलन के दौरान जान गंवाने वाले किसानों के परिवारों से बातचीत.
कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ आंदोलन की अगुवाई कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा कि आंदोलन के एक साल पूरे होने के अवसर पर 26 नवंबर और इसके बाद देशभर में आंदोलन को व्यापक रूप से धार दी जाएगी. 29 नवंबर से इस संसद सत्र के अंत तक 500 चुनिंदा किसान शांतिपूर्वक और पूरे अनुशासन के साथ ट्रैक्टर से हर दिन संसद तक जाएंगे.
केंद्र के तीन कृषि क़ानूनों के विरोध में किसान दिल्ली के सिंघू, टिकरी और ग़ाज़ीपुर बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे हैं, जिसे 26 नवंबर को एक साल पूरा हो जाएगा. इन प्रदर्शनों की अगुवाई संयुक्त किसान मोर्चा कर रहा है, जिसमें किसानों के कई संघ शामिल हैं. राकेश टिकैत की अगुवाई वाली भारतीय किसान यूनियन भी इसमें शामिल है. उसके समर्थक दिल्ली-उत्तर प्रदेश सीमा पर ग़ाज़ीपुर में धरना दे रहे हैं.
संसद का मानसून सत्र 19 जुलाई से शुरू होगा. संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा है कि इस दौरान संसद के बाहर केंद्र के तीनों कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ रोज़ क़रीब किसानों का एक समूह प्रदर्शन करेगा. साथ ही सत्र शुरू होने के दो दिन पहले सदन में क़ानूनों का विरोध करने के लिए सभी विपक्षी सांसदों को चेतावनी पत्र दिया जाएगा.
दिल्ली-उत्तर प्रदेश सीमा पर बीते 30 जून को ग़ाज़ीपुर प्रदर्शन स्थल के पास भाजपा कार्यकर्ताओं और कृषि क़ानूनों का विरोध कर रहे आंदोलनकारी किसानों के बीच झड़प हुई थी. भारतीय किसान यूनियन की ओर से कहा गया है कि यह शांतिपूर्ण आंदोलन को कुचलने का प्रयास है. दोषियों के ख़िलाफ़ कार्रवाई नहीं की गई तो किसान राज्यभर के थानों पर धरना देंगे. किसानों ने भी कथित भाजपा समर्थकों के एक समूह के ख़िलाफ़ इस संबंध में शिकायत दर्ज कराई है.
दिल्ली-उत्तर प्रदेश सीमा पर बुधवार को ग़ाज़ीपुर प्रदर्शन स्थल के पास भाजपा कार्यकर्ताओं और कृषि क़ानूनों का विरोध कर रहे आंदोलनकारी किसानों के बीच झड़प हुई थी. भाकियू नेता राकेश टिकैत ने आरोप लगाया कि यह प्रकरण सात महीने पुराने विरोध को दबाने के लिए भाजपा और आरएसएस की साज़िश है.
दिल्ली-उत्तर प्रदेश सीमा पर स्थित ग़ाज़ीपुर में भाजपा कार्यकर्ताओं और कृषि कानूनों का विरोध कर रहे आंदोलनकारी किसानों के बीच हुई झड़प के बाद किसान नेताओं ने आरोप लगाया है कि यह तीन विवादित कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ आंदोलन कुचलने और इसे बदनाम करने की केंद्र सरकार की एक और साज़िश है.
वीडियो: किसान आंदोलन के सौ दिन पूरे होने और इसे आगे ले जाने की रणनीति पर भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत से विशाल जायसवाल की बातचीत.
दो कांग्रेस विधायकों द्वारा उठाए गए एक प्रश्न के लिखित उत्तर में हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने विधानसभा में कहा कि अब तक हरियाणा से मृत प्रदर्शनकारियों के परिजनों को नौकरी और वित्तीय सहायता देने के लिए राज्य सरकार के विचारार्थ कोई प्रस्ताव नहीं है.
वीडियो: जितेंद्र यादव ग़ाज़ीपुर बॉर्डर पर पिछले कई महीनों से आंदोलन कर रहे किसानों के लिए लंगर चला रहे है. उन्होंने द वायर से आंदोलन की शुरुआत के साथ अब तक अपने अनुभव को साझा किया.
केंद्र के तीन विवादास्पद कृषि क़ानूनों को निरस्त किए जाने की मांग को लेकर 26 जनवरी को किसान संगठनों द्वारा आयोजित ट्रैक्टर परेड के दौरान प्रदर्शनकारी पुलिस से भिड़ गए थे. इसके बाद सैकड़ों लोगों को गिरफ़्तार किया गया था.
कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ किसानों के आंदोलन का नेतृत्व कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार, अधिकतर मौतें दिल का दौरा पड़ने, ठंड की वजह से बीमारी और दुर्घटनाओं से हुई हैं. ये आंकड़े 26 नवंबर 2020 से इस साल 20 फरवरी के बीच इकट्ठा किए गए हैं.
दिल्ली की एक अदालत ने फेसबुक पर किसान आंदोलन से जुड़ा कथित फ़र्ज़ी वीडियो डालने के एक मामले की सुनवाई में कहा कि शांति-व्यवस्था क़ायम रखने के लिए सरकार के पास राजद्रोह क़ानून एक शक्तिशाली औजार है पर इसे उपद्रवियों को क़ाबू करने के बहाने असंतुष्टों को चुप कराने के लिए लागू नहीं किया जा सकता.
वीडियो: किसान आंदोलन के शांतिपूर्ण होने के बावजूद सरकार का रुख कड़ा और अड़ियल है. मुख्यधारा का मीडिया पूरी तरह उसके साथ है. इंटरनेट बैन, किसानों की गिरफ़्तारी के साथ कई पत्रकारों पर भी मामले दर्ज हुए. इस बारे में वरिष्ठ पत्रकार प्रंजॉय गुहा ठाकुरता और द वायर के अजॉय आशीर्वाद से उर्मिलेश की बातचीत.