साइबरन्यूज़ की रिपोर्ट में दावा किया है कि एक चर्चित हैकर मंच ने लिंक्डइन के 50 करोड़ यूज़र्स के डेटा को निकालकर बिक्री के लिए पेश किया है. हालांकि माइक्रोसॉफ्ट के स्वामित्व वाली कंपनी ने इन दावों का खंडन करते हुए कहा कि किसी भी निजी सदस्य के खाते का डेटा प्रभावित नहीं हुआ है.
एक रिपोर्ट के अनुसार, 106 देशों के लोगों के फोन नंबर, फेसबुक आईडी, पूरे नाम, स्थान, जन्मतिथि और ईमेल पते ऑनलाइन सार्वजनिक हो गए हैं. भारत में 10 दिनों के भीतर दूसरा ऐसा मौका है, जब किसी कंपनी के यूज़र्स का डेटाबेस के लीक होने का दावा किया गया है. बीते 30 मार्च को गुड़गांव स्थित मोबाइल भुगतान और डिजिटल वॉलेट कंपनी मोबिक्विक के 10 करोड़ यूज़र्स की जानकारी कथित रूप से लीक हो गई थी.
ऑस्ट्रेलिया की संसद ने डिजिटल क्षेत्र की बड़ी कंपनियों गूगल और फेसबुक को समाचार के लिए उचित भुगतान करने के संबंध में लाए जा रहे न्यूज़ मीडिया बारगेनिंग कोड में संशोधन किया है. पिछले सप्ताह इस क़ानून का प्रस्ताव आने के बाद फेसबुक ने देश में समाचार साझा करने पर पाबंदी लगा दी थी.
फेसबुक पर समाचार साझा किए जाने के बदले सोशल मीडिया कंपनी द्वारा मीडिया संस्थानों को भुगतान किए जाने के संबंध में एक प्रस्तावित क़ानून के ख़िलाफ़ जवाबी कार्रवाई करते हुए कंपनी ने यह क़दम उठाया है. ऑस्ट्रेलिया की सरकार ने इसकी निंदा की है.
सीबीआई का कहना है कि कैंब्रिज एनालिटिका ने ग्लोबल साइंस रिसर्च लि. के साथ मिलकर ‘दिस इज़ योर डिजिटल लाइफ’ नाम से एक ऐप बनाया था, जिसके ज़रिये ग़ैर क़ानूनी रूप से फेसबुक यूज़र्स का डेटा और उनके 5.62 लाख कॉन्टैक्ट इकट्ठा कर उसका व्यावसायिक उद्देश्य के लिए इस्तेमाल किया.