केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि भारत पहले से ही जीएम फसलों से प्राप्त तेल का आयात और उपभोग करता है और ‘प्रतिकूल प्रभाव की ऐसी निराधार आशंकाओं के आधार पर ऐसी तकनीक का विरोध केवल किसानों, उपभोक्ताओं और उद्योग को नुकसान पहुंचा रहा है’ और ‘भारतीय कृषि के लिए हानिकारक होगा’. सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा.
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद ने अपने सेवारत और पूर्व अधिकारियों को एक आदेश जारी करते हुए कहा है कि वे जीएम सरसों की पर्यावरणीय मंज़ूरी के संबंध में कोई भी राय व्यक्त न करें, न लेख लिखें. इस क़दम की आलोचना करते हुए पर्यावरणविदों, कृषि विशेषज्ञों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने कहा है कि जीएम सरसों के संबंध में छिपाने के लिए काफी कुछ है.
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से संबद्ध भारतीय किसान संघ की ओर से दिल्ली के रामलीला मैदान में ‘किसान गर्जना रैली’ का आयोजन किया गया. न्यूनतम समर्थन मूल्य के अलावा किसानों ने कृषि गतिविधियों पर जीएसटी को वापस लेने, पीएम-किसान योजना के तहत प्रदान की जाने वाली वित्तीय सहायता में वृद्धि और जीएम फसलों के व्यावसायिक उत्पादन की अनुमति को ख़त्म करने की मांग की है.