हैदराबाद के 'मांस पर राष्ट्रीय अनुसंधान केंद्र' की रिसर्च में पता चला है कि 2014 से 2017 के बीच पुलिस और पशुपालन विभाग के अधिकारियों द्वारा पकड़े गए मांस में से सिर्फ सात प्रतिशत ही गोमांस था.
केंद्रीय मंत्री जैसे और भी कई हैं जो एक संपन्न और शिक्षित पृष्ठभूमि से आते हैं, जो दिखते उदारवादी हैं लेकिन जिनके मन में सांप्रदायिक सड़ांध भरी होती है.
झारखंड के रामगढ़ में बीते साल गोमांस रखने के संदेह में हुई अलीमुद्दीन अंसारी की हत्या के दोषियों को ‘न्याय’ दिलाने की जयंत सिन्हा की मुहिम के बीज हजारीबाग में सिन्हा परिवार की राजनीति में छिपे हैं.
रामगढ़ में बीते साल कथित रूप से गोमांस रखने के संदेह में हुई अलीमुद्दीन अंसारी की हत्या के दोषी ठहराए गए 8 अभियुक्तों को पिछले हफ्ते ज़मानत मिली थी. बुधवार को इनके जेल से निकलने पर भाजपा सांसद और केंद्रीय मंत्री जयंत सिन्हा ने इनका स्वागत किया.
जून 2017 में रामगढ़ में हुई अलीमुद्दीन अंसारी की हत्या के जुर्म में फास्टट्रैक कोर्ट ने 11 लोगों को उम्रक़ैद की सज़ा दी थी, जिनमें से 8 को हाईकोर्ट से ज़मानत मिल गई है.
पिछले साल झारखंड के रामगढ़ में कथित तौर पर गोमांस के शक में भीड़ द्वारा पीट-पीटकर मारे गए अलीमुद्दीन अंसारी के बाद इसी इलाके में एक और व्यक्ति की संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मौत से कई सवाल खड़े हो रहे हैं.
झारखंड के रामगढ़ में पिछले साल मांस कारोबारी अलीमुद्दीन अंसारी की पीट-पीटकर हत्या के आरोप में 11 लोगों को उम्रकैद की सज़ा हुई है.
अलीमुद्दीन अंसारी की भीड़ द्वारा की गई हत्या के मामले में झारखंड की एक अदालत ने पिछले महीने 11 आरोपियों को उम्रक़ैद की सज़ा सुनाई थी.
जून 2017 में झारखंड के रामगढ़ में हुई अलीमुद्दीन अंसारी की हत्या के जुर्म में भाजपा नेता समेत 11 दोषियों को उम्रक़ैद की सज़ा सुनाई गई है.
अदालत का कहना है कि 29 जून 2017 को मृतक अलीमुद्दीन अंसारी पर हुआ हमला पूर्व नियोजित था. 20 मार्च को सुनाई जाएगी सज़ा.
जिस दिन प्रधानमंत्री मोदी ने गाय और गोरक्षा के नाम पर क़ानून हाथ में न लेने की अपील की थी, उसी दिन झारखंड में एक व्यक्ति को गोमांस ले जाने के संदेह में भीड़ ने पीट-पीटकर मार डाला था.
जिस दिन प्रधानमंत्री ने बयान दिया कि गाय और गोरक्षा के नाम पर किसी को क़ानून हाथ में लेने का हक़ नहीं है, उसी दिन झारखंड में एक और व्यक्ति की गाय के नाम पर हत्या कर दी गई.
अहमदाबाद में साबरमती आश्रम के शताब्दी वर्ष समारोह में बोलते हुए मोदी ने कहा कि गाय के नाम पर किसी भी इंसान को क़ानून हाथ में लेने का हक़ नहीं है.
वर्तमान सरकार गाय को लेकर आवश्यकता से ज़्यादा चिंतित होने का दिखावा कर रही है, लेकिन वहीं हर साल डायरिया-कुपोषण से मरने वाले लाखों बच्चों को लेकर सरकार आपराधिक रूप से निष्क्रिय है.