दिल्ली दंगों में एक युवक की हत्या के मामले में हाईकोर्ट ने तीन आरोपियों को ज़मानत देते हुए कहा कि यह विश्वास करना कठिन है कि सांप्रदायिक दंगे का इस्तेमाल अपने ही समुदाय के व्यक्ति की मौत के लिए किया जा सकता है. यदि वे वास्तव में दंगे में शामिल होते तो दूसरे समुदाय के सदस्यों को बचाने की कोशिश नहीं करते.
बीते साल फरवरी में उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुए हिंसा के दौरान गोकुलपुरी और दयालपुर इलाकों में आगजनी और तोड़फोड़ के मामलों के तीन आरोपियों को ज़मानत देते हुए स्थानीय अदालत ने कहा कि उनके नाम न प्राथमिकी में है, न ही उनके ख़िलाफ़ कोई विशिष्ट आरोप हैं.
वीडियो: उत्तर पूर्वी दिल्ली के कई इलाकों में नागरिकता संशोधन कानून के विरोधी और समर्थक गुटों के बीच सोमवार को हुई हिंसा में अब तक दिल्ली पुलिस के एक हेड कॉन्सटेबल सहित सात लोगों की मौत हो गई है. इसके साथ ही 100 से अधिक लोग घायल हुए हैं. मंगलवार को भी कई इलाकों में हालात तनावपूर्ण बने हुए हैं. इस मामले को लेकर ग्राउंड से रिपोर्ट कर रहे द वायर के संवाददाताओं से रीतू तोमर की बातचीत.