एक बंदूक से हुई थी गौरी लंकेश और एमएम कलबुर्गी की हत्या: फॉरेंसिक रिपोर्ट

पुलिस द्वारा कोर्ट को सौंपी गई फॉरेंसिक रिपोर्ट के अनुसार गौरी और कलबुर्गी की हत्या में इस्तेमाल हुई गोलियां 7.65 एमएम कैलिबर वाली देसी बंदूक से चलाई गई थीं.

इस देश में न तो न्यायपालिका सुरक्षित है और न ही धर्मनिरपेक्ष लोग: बॉम्बे हाईकोर्ट

बॉम्बे हाईकोर्ट ने कहा कि इस देश में कोई भी संस्थान सुरक्षित नहीं है, भले ही वो न्यायपालिका ही क्यों न हो. भारत की छवि अपराध और बलात्कार वाले देश की बन गई है.

केंद्र ने न्यायालय से कहा: एनआईए एमएम कलबुर्गी हत्याकांड की जांच नहीं कर सकता

केंद्र सरकार की ओर से तर्क दिया गया है कि एनआईए इसलिए जांच नहीं कर सकती क्योंकि यह राष्ट्रीय और अंतर्राज्यीय आतंकवाद के मामलों की जांच करने वाली विशेष एजेंसी है.

देश में ऐसी स्थिति आ गई है कि लोग अपना विचार नहीं रख सकते: हाईकोर्ट

नरेंद्र दाभोलकर और गोविंद पानसरे की हत्या मामले में सुनवाई कर रही अदालत ने कहा, हम सबसे बड़े लोकतंत्र हैं. हम रोजाना ऐसी घटनाओं पर गर्व नहीं कर सकते हैं. यह हमारे के लिए शर्मनाक है.

सभी विपक्षी और उदारवादी मूल्यों का सफाया एक खतरनाक प्रवृत्ति है: बॉम्बे हाईकोर्ट

गोविंद पानसरे और नरेंद्र दाभोलकर की हत्या की जांच की निगरानी का अनुरोध करने वाली याचिका पर सुनवाई के दौरान अदालत ने टिप्पणी की.

गौरी लंकेश की हत्या को संघ परिवार से जोड़ने के आरोप में रामचंद्र गुहा के ख़िलाफ़ शिकायत दर्ज

इतिहासकार गुहा ने ट्वीट किया था, ‘आज के भारत में स्वतंत्र लेखकों और पत्रकारों को प्रताड़ित किया जा रहा, यहां तक कि हत्या कर दी जा रही, लेकिन हमें चुप नहीं किया नहीं जा सकता.'

हत्यारों की भीड़ इस देश की नुमाइंदगी नहीं करती

अंग्रेज़ी प्रभावशाली भाषा है, मगर इसकी पहुंच सीमित है. क्षेत्रीय भाषाओं के पत्रकार असली असर पैदा कर सकते हैं. छोटे शहरों के ऐसे कई साहसी पत्रकार हैं, जिन्होंने अपने साहस की क़ीमत अपनी जान देकर चुकाई है.

भाजपा ने देश में सांप्रदायिकता और नफ़रत का जिन्न छोड़ दिया है

आम आदमी पार्टी से जुड़े आशीष खेतान का कहना है, यूपीए सरकार भले ही अयोग्य रही हो, वह इन समूहों की विचारधारा से इत्तेफ़ाक नहीं रखती थी, लेकिन वर्तमान सत्ता को इन्हीं समूहों से समर्थन मिलता है.

ये जो भक्त हैं, ये उन्हीं का वक़्त है

वे हत्या के पक्ष में दलीलें देने लगे. वे हत्यारों को बधाइयां देने लगे. उन्होंने गौरी लंकेश की हत्या को सिर्फ जायज़ नहीं ठहराया. वे हत्या के बाद ठंडी पड़ चुकी उस लाश को गालियां देने लगे. जैसे वे उस पर और गोलियां चलाना चाहते हों.

गौरी लंकेश जैसी हत्याएं जारी रहेंगी क्योंकि हत्यारों को पता है कि उन्हें माफ़ कर दिया जाएगा

गौरी की हत्या एक चेतावनी है. हत्यारों को पता है कि वे सुरक्षित हैं. वे बेखौफ़ होकर अपना काम करते रहेंगे.

भाजपा नेता बोले, गौरी लंकेश आरएसएस के ख़िलाफ़ न लिखतीं तो ज़िंदा होतीं

भाजपा विधायक डीएन जीवराज ने कहा कि गौरी लंकेश जिस तरह लिखती थीं, वो बर्दाश्त के बाहर था. गौरी मेरी बहन जैसी हैं लेकिन जिस तरह उन्होंने लिखा, वो स्वीकार नहीं किया जा सकता.'

वो कौन लोग हैं जो एक निहत्थी महिला की हत्या का जश्न मना रहे हैं?

हमने बचपन से सुना था कि किसी की मौत के बारे में बुरा मत बोलो क्योंकि मरा आदमी अपनी सफाई नहीं दे सकता. पर ये लोग तो जैसे मरने का इंतज़ार कर रहे थे. ये कहां पले-बढ़े हैं, ये कहां से आते हैं?