कांग्रेस ने कहा, यह देश के लिए एक दुखद दिन है क्योंकि चुनाव आयोग ने संविधान की अवमानना की. भाजपा की कठपुतली की तरह काम कर रहा चुनाव आयोग.
कांग्रेस ने आचार संहिता के उल्लंघन के लिए मोदी-शाह के खिलाफ कार्रवाई की मांग की, भाजपा पर पत्रकारों को धमकाने का आरोप लगाया.
पूर्व प्रधानमंत्री ने पाक से सांठगांठ के आरोप पर किया फिर पलटवार, अमित शाह ने पूछा, मनमोहन सिंह का गुस्सा तब कहां था जब नज़रों के सामने लूट हो रही थी.
पूरे विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान भाजपा और कांग्रेस के बीच ख़ुद को असली और प्रतिद्वंद्वी को नकली हिंदू सिद्ध करने की प्रतियोगिता-सी चल पड़ी.
मोदी चाहते हैं कि हम भारत के लोग ज्ञात-अज्ञात दुश्मनों से डरने वाली एक कमज़ोर क़ौम बनें ताकि सांप्रदायिक राजनीति का दैत्य निडर होकर घूम सके.
गुजरात चुनाव राउंडअप: वामदल और जदयू ने कहा, मोदी मुद्दों के बजाय गुजरात में पाकिस्तान के दख़ल की बात करते हैं, आरोप में दम है तो उन्हें कार्रवाई करनी चाहिए.
गुजरात चुनाव राउंडअप: राहुल ने कहा, मोदी लगातार चुनावी मुद्दा बदल रहे, उनके पास बोलने को कुछ भी नहीं बचा. मोदी जी, हम आपको प्यार से, बिना गुस्से के हराने जा रहे हैं.
गुजरात चुनाव राउंडअप: मोदी ने उठाया मंदिर और मणिशंकर मुद्दा. राहुल बोले हम गालियों का जवाब नहीं देंगे, पोल खुल जाने पर चुनावी एजेंडा बदल रहे मोदी.
मणिशंकर अय्यर के बयान से प्रधानमंत्री इतने आहत हो गए कि इसी पर वोट मांगने लगे. साथ भी यह भी पूछ डाला कि क्या मणिशंकर अय्यर पाकिस्तान उनकी सुपारी देने गए थे?
गुजरात विधानसभा चुनाव: ब्लूटूथ से कनेक्ट होने की शिकायत पर चुनाव आयोग के इंजीनियर ने कहा कि आप अपने डिवाइस का जो भी नाम रखेंगे वह आपको मोबाइल की स्क्रीन पर दिखेगा.
गुजरात चुनाव राउंडअप: भाजपा ने एक दिन पहले पेश किया संकल्प पत्र. कांग्रेस ने की आलोचना. भाजपा-कांग्रेस में कड़े मुकाबले के आसार.
ग्राउंड रिपोर्ट: एक विधानसभा सीट वाले डांग ज़िले में रोज़गार के लिए पलायन और आदिवासियों की धार्मिक पहचान अहम मुद्दा है.
गुजरात चुनाव राउंडअप: पूर्व पीएम ने कहा- गुजरात हर पैमाने पर हिमाचल, कर्नाटक, केरल और तमिलनाडु जैसे राज्यों से पीछे, राहुल ने पूछा- आदिवासी कल्याण योजना के 55 हजार करोड़ रुपये कहां गए.
ग्राउंड रिपोर्ट: ज़िले के विभिन्न गांवों में रहने वाले आदिवासियों का कहना है कि उनकी ज़िंदगियों से विकास कोसों दूर है.
लोकसभा चुनाव में पूरे देश में गुजरात मॉडल बेचा गया था, लेकिन गुजरात में अस्मिता, क्षेत्रीयता और अंतत: मंदिर मुद्दा बनता दिख रहा है. क्या विकास एक चुनावी झांसा है?