इस मामले में पूर्व भाजपा मंत्री माया कोडनानी भी आरोपी हैं. साल 2002 में गोधरा कांड के बाद नरोदा पटिया में हुए दंगो में अल्पसंख्यक समुदाय के 11 लोगों की मौत हुई थी.
गुजरात दंगों में मारे गए कांग्रेस सांसद एहसान जाफरी की पत्नी ज़किया जाफरी ने एसआईटी द्वारा नरेंद्र मोदी समेत कई नेताओं और नौकरशाहों को क्लीन चिट देने के फैसले को शीर्ष अदालत में चुनौती दी थी. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस पर सुनवाई इतने बार टल चुकी है इसलिए एक तारीख लीजिए और यह सुनिश्चित करिए कि सभी मौजूद हों.
गोधरा ट्रेन नरसंहार के अगले दिन 28 फरवरी 2002 की रात को सरदारपुरा गांव में अल्पसंख्यक समुदाय के 33 लोगों को ज़िंदा जला दिया गया था, जिसमें अधिकतर महिलाएं और बच्चे थे.
बुलेट ट्रेन परियोजना को उन किसानों और आदिवासियों के कड़े विरोध का सामना करना पड़ रहा है जिनकी भूमि अधिग्रहित की जानी है.
स्वयंभू बाबा नित्यानंद देश छोड़कर फ़रार हो गए हैं. उन पर आश्रम चलाने के लिए बच्चों को अगवा कर उन्हें श्रद्धालुओं से चंदा जुटाने के काम में लगाने का आरोप है.
परिजनों ने आरोप लगाया है कि उनकी दो नाबालिग बेटियों को अगवाकर स्वयंभू बाबा नित्यानंद द्वारा चलाए जा रहे एक संस्थान में बंधक बनाकर रखा गया है.
बीते पांच सितंबर को सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने अपने फैसले में संशोधन करते हुए जस्टिस एके कुरैशी को मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की जगह त्रिपुरा हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश बनाने की सिफारिश की थी.
बीते सितंबर महीने में सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने अपने फैसले में संशोधन करते हुए जस्टिस एके कुरैशी को मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की जगह त्रिपुरा हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश बनाने की सिफारिश की थी.
इससे पहले इस साल मई महीने में कोलेजियम ने जस्टिस कुरैशी को मध्य प्रदेश हाईकोर्ट का चीफ जस्टिस बनाए जाने की सिफारिश की थी.
अदालत ने किसानों के इस दावे को ख़ारिज कर दिया कि गुजरात सरकार के पास भूमि अधिग्रहण के लिए अधिसूचना जारी करने का अधिकार नहीं है क्योंकि परियोजना दो राज्यों- गुजरात और महाराष्ट्र के बीच बंटी हुई है.
केंद्र सरकार ने 22 जुलाई को बॉम्बे हाईकोर्ट के जस्टिस एए क़ुरैशी को मध्य प्रदेश हाईकोर्ट का मुख्य न्यायाधीश बनाए जाने की सुप्रीम कोर्ट कॉलिजियम की सिफ़ारिश पर निर्णय लेने के लिए दो सप्ताह का समय मांगा था. केंद्र सरकार ने अब और दस दिन का समय मांगा है.
आरटीआई कार्यकर्ता अमित जेठवा ने गिर वन क्षेत्र में अवैध खनन गतिविधियों को सामने लाने का प्रयास किया था, जिसके चलते 2010 में गुजरात हाईकोर्ट के बाहर गोली मारकर उनकी हत्या कर दी गई थी.
गुजरात के पूर्व आईपीएस अधिकारी संजीव भट्ट को वर्ष 1990 में हिरासत में मौत के एक मामले में आजीवन कारावास की सज़ा सुनाई गई है. उनका परिवार इस सज़ा के खिलाफ़ गुजरात हाईकोर्ट में अपील करेगा.
आरटीआई कार्यकर्ता अमित जेठवा ने गिर वन क्षेत्र में अवैध खनन गतिविधियों को सामने लाने का प्रयास किया था, जिसके चलते 2010 में गुजरात हाईकोर्ट के बाहर उनकी हत्या कर दी गई थी.
सुप्रीम कोर्ट के कॉलेजियम की चार सिफ़ारिशों में से मोदी सरकार द्वारा मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के रूप में सिर्फ़ जस्टिस एए क़ुरैशी की नियुक्ति को मंज़ूरी नहीं दी गई है.