सुप्रीम कोर्ट ने यह फैसला यह उन शिकायतों के जवाब में दिया, जिसमें कहा गया था कि मामले के एक दोषी को नोटिस नहीं दिया जा सका, क्योंकि वह अपने पते पर नहीं मिला. आरोप है कि बचाव पक्ष सुनवाई को टालने की कोशिश कर रहा है. बिलक़ीस ने दोषियों को रिहा करने के गुजरात सरकार के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है.
गुजरात: कोर्ट ने 2002 के दंगों के दौरान गैंगरेप और हत्या के मामलों में शामिल 26 आरोपियों को बरी किया
गुजरात के गांधीनगर ज़िले के कलोल में साल 2002 के सांप्रदायिक दंगों के दौरान अलग-अलग घटनाओं में अल्पसंख्यक समुदाय के एक दर्जन से अधिक सदस्यों की हत्या और सामूहिक बलात्कार के आरोप में शामिल 39 लोगों में से 13 की मामले के लंबित रहने के दौरान मौत हो गई थी.
गुजरात में 2002 के गोधरा कांड के बाद हुए दंगे के एक मामले में दो बच्चों सहित अल्पसंख्यक समुदाय के 17 सदस्यों की हत्या के 22 आरोपियों में से आठ की सुनवाई के दौरान मौत हो चुकी है. अभियोजन पक्ष के अनुसार, पीड़ितों को एक मार्च, 2002 को मार दिया गया था और सबूत नष्ट करने के इरादे से उनके शव भी जला दिए गए थे.