गुजरात बोर्ड द्वारा प्रकाशित किताब 'गुजरात नी राजकीय गाथा' में कहा गया है कि गोधरा से निर्वाचित एक कांग्रेस सदस्य ने गोधरा अग्निकांड की साजिश रची थी.
हिरासत में हिंसा और मौत के मामलों में गुजरात सरकार का अपनी पुलिस के साथ खड़े रहने का एक अनकहा-सा रिवाज़ रहा है, लेकिन संजीव भट्ट के मामले में ऐसा नहीं दिखता.
बिलक़ीस बानो को किसने सत्रह सालों तक उसके मताधिकार से वंचित रखा? कौन था गुजरात का मुखिया और किसके हाथ हिंदुस्तान की हुकूमत थी? क्यों सालों-साल बिल्किस अपने कुनबे के साथ भटकती रही पूरे भारत, जगह बदलती हुई, पोशीदा ज़िंदगी बिताती हुई? क्यों वह वहां महफूज़ न थी, जिसे वह अपना वतन कहती है?
2002 के गुलबर्ग सोसायटी नरसंहार के पीड़ित इम्तियाज़ पठान ने गुजरात के खेड़ा और फ़िरोज़ पठान ने गांधीनगर लोकसभा सीट से अपना नामांकन दाख़िल कर दिया है.
गोधरा रेलवे स्टेशन पर 27 फरवरी 2002 को साबरमती एक्सप्रेस के एस-6 कोच को आग लगा दी गई थी. इसमें 59 लोगों की जान गई थी, जिनमें से सात लोगों की अब तक शिनाख्त नहीं हो पाई. इस घटना के बाद गुजरात में सांप्रदायिक दंगा भड़क उठा था.
गुजरात दंगों के दौरान मारे गए कांग्रेस के पूर्व सांसद एहसान जाफ़री की पत्नी जकिया जाफ़री ने विशेष जांच दल के फैसले के ख़िलाफ़ उनकी याचिका ख़ारिज करने के गुजरात उच्च न्यायालय के पांच अक्टूबर, 2017 के फैसले को चुनौती दी है.
गुजरात दंगों में मारे गए कांग्रेस सांसद एहसान जाफरी की पत्नी ज़किया जाफरी ने एसआईटी द्वारा नरेंद्र मोदी समेत कई नेताओं और नौकरशाहों को क्लीन चिट देने के फैसले को शीर्ष अदालत में चुनौती दी थी. 19 नवंबर को होगी सुनवाई
2002 गुजरात दंगों में मारे गए कांग्रेस सांसद एहसान जाफ़री की बेटी निशरीन हुसैन का संस्मरण.
गोधरा स्टेशन पर 27 फरवरी, 2002 को साबरमती एक्सप्रेस के एक कोच में आग लगा दी गई थी, जिसमें 59 लोग मारे गए थे.
पत्रकार करण थापर 2007 में उनके द्वारा लिए गए नरेंद्र मोदी के 3 मिनट के चर्चित इंटरव्यू का अनुभव साझा कर रहे हैं.
एनसीईआरटी ने 12वीं कक्षा की नई किताब में भाजपा को मुस्लिम महिलाओं के हितों का पक्षधर बताया गया है.
गुजरात दंगों के दौरान आणंद ज़िले के ओडे कस्बे में एक घर में लगाई गई आग में अल्पसंख्यक समुदाय के 23 लोग जलकर मर गए थे. एसआईटी अदालत ने 23 लोगों को सज़ा सुनाई थी.
जन गण मन की बात की 230वीं कड़ी में विनोद दुआ चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा के ख़िलाफ़ विपक्ष के महाभियोग प्रस्ताव और नरोदा पाटिया हिंसा मामले में भाजपा की पूर्व मंत्री माया कोडनानी के बरी होने पर चर्चा कर रहे हैं.
12वीं कक्षा की पॉलिटिकल साइंस की किताब के पिछले संस्करण में ‘फरवरी-मार्च 2002 में गुजरात में मुस्लिमों के ख़िलाफ़ बड़े पैमाने पर हिंसा हुई थी’, लिखा था. अब इसमें से मुस्लिम शब्द हटाकर ‘गुजरात में बड़े पैमाने पर हिंसा हुई’ कर दिया गया है.
2002 के गुजरात दंगों में अपनी ज़िंदगी बिखरते देख चुके प्रोफेसर जेएस बंदूकवाला मानते हैं कि भले ही देश भगवाकरण की ओर बढ़ रहा है, लेकिन इसके बावजूद अच्छे भविष्य की उम्मीद फीकी नहीं हुई है.