एक हिंदू महिला और मुस्लिम शख़्स ने हाईकोर्ट से राहत मांगी है कि वे गुरुग्राम डिस्ट्रिक्ट मैरिज अधिकारी को निर्देश दे कि उनकी शादी का नोटिस उनके घर न भेजा जाए. कोर्ट ने कहा कि मांगी गई कुछ सूचनाएं निजता का उल्लंघन करती हैं. इस प्रक्रिया में एक धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र में बदलते वक़्त की मानसिकता झलकनी चाहिए.
आरोपी छात्र ने कथित तौर पर इस अपराध को अंजाम इसलिए दिया क्योंकि वह चाहता था कि पूर्व निर्धारित पेरेंट्स-टीचर मीटिंग और परीक्षा टल जाए.
यह ‘अच्छे स्पर्श’ और ‘बुरे स्पर्श’ की सरलीकृत बायनरी से आगे बढ़ने का वक़्त है. बच्चों के लिए न विशेष अदालतें हैं, न काउंसलिंग के इंतज़ाम हैं, न ही सुरक्षित वातावरण जिसमें वह पल-बढ़ सकें.
स्कूलों में बढ़ते अपराधों के मद्देनज़र हुई बैठक में निर्भया फंड का उपयोग विद्यालयों की सुरक्षा में करने और स्कूल बसों में महिला ड्राइवर नियुक्त करने जैसे फैसले लिए गए.
रिपब्लिक टीवी की संवाददाता रेयान स्कूल में मारे गए प्रद्युम्न के पिता से एक लाइव इंटरव्यू के दौरान अशोभनीय व्यवहार करती नज़र आ रही हैं.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह याचिका सिर्फ संबंधित स्कूल तक सीमित नहीं है क्योंकि इसका प्रभाव देशव्यापी है.
बच्चों की सुरक्षा में लापरवाही पर स्कूल प्रबंधन की जिम्मेदारी तय होने और संबंद्धता रद्द होने तक के प्रावधान हैं, लेकिन सीबीएसई के दिशानिर्देशों का पालन नहीं हो रहा है.