गुड़गांव: हिंदुत्ववादी संगठनों के विरोध के बाद आठ स्थानों पर नमाज़ अदा करने की अनुमति रद्द

तीन साल पहले हिंदुत्ववादी संगठनों द्वारा विरोध के बाद गुड़गांव ज़िला प्रशासन ने शहर में 37 स्थानों को चिह्नित किया था, जहां पर मुस्लिमों को जुमे की नमाज़ पढ़ने की अनुमति दी गई थी. साल 2018 में गुड़गांव में भी खुले में नमाज़ अदा कर रहे मुस्लिमों पर लगातार हमले हुए थे.

गुड़गांवः खुले में नमाज़ के विरोध में लगातार छठे हफ़्ते प्रदर्शन, तीस हिरासत में

हरियाणा के गुड़गांव के सेक्टर-12 में मुस्लिम समुदाय द्वारा खुले में पढ़ी जा रही जुमे की नमाज़ के विरोध में भारी पुलिसबल की मौजूदगी के बीच प्रदर्शनकारियों, जिनमें अधिकतर हिंदुत्ववादी संगठनों के सदस्य थे, ने जय श्रीराम और भारत माता की जय के नारे लगाए. प्रदर्शनकारियों ने शहर में निर्धारित स्थानों पर खुले में नमाज़ की अनुमति देने पर प्रशासन के ख़िलाफ़ भी नारेबाज़ी की.

गुड़गांव बंजारा मार्केट: घर सजाने वालों का उजड़ रहा है घर

वीडियो: हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण द्वारा गुड़गांव के बंजारा मार्केट को हटाया जा रहा है. इस मार्केट में घर की सजावट का सामान मिलता है. यहां सामान बेचने वाले लोग इस घटनाक्रम से परेशान हैं. उनकी चिंता है कि वे अपनी आजीविका कैसे कमाएंगे.

गुड़गांव: खुले में नमाज़ पढ़ने का हिंदू समूहों ने किया विरोध

वीडियो: गुड़गांव के सेक्टर 47 में हर शुक्रवार जुमे की नमाज़ के लिए मुस्लिम समुदाय के लोगों का समूह इकट्ठा होता है. वे मई 2018 से यहां की एक ख़ाली ज़मीन पर नमाज़ अदा कर रहे हैं. इस साल बजरंग दल और भारत माता वाहिनी के कार्यकर्ता इसका विरोध कर रहे हैं.

नवरात्रि: कई शहरों में हिंदुत्ववादी संगठनों द्वारा मीट की दुकानें जबरन बंद कराने के मामले आए

दक्षिणपंथी संगठनों की मांग है कि नवरात्रि के नौ दिनों के दौरान मीट की सभी दुकानें बंद रहनी चाहिए. इसके साथ ही उन्होंने हर मंगलवार को भी मीट की दुकानों को बंद करने की मांग की है. बीते एक हफ़्ते में उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और हरियाणा के कई शहरों से ऐसे वीडियो सामने आए हैं.

गुड़गांव लिंचिंग: चश्मदीद परिजन ने कहा- उन्होंने करंट लगाकर मेरे साले को मार डाला

बीते दो अगस्त को गुड़गांव के कुछ स्थानीय लोगों ने उत्तर प्रदेश से आए दो प्रवासी मज़दूरों को अगवा कर उन पर एक लड़की के साथ छेड़छाड़ का आरोप लगाते हुए बर्बर तरीके से पीटा था. इसके चलते 21 वर्षीय अनुज गौतम की मौत हो गई और उनके बहनोई संजय बुरी तरह घायल हो गए.

गोरक्षा के नाम पर एक बार फिर शर्मसार हुआ हरियाणा

वीडियो: 31 जुलाई की शाम कुछ तथाकथित गोरक्षकों ने गुड़गांव में काम करने वाले लुकमान को गाय का मांस बेचने के शक में बुरी तरह से पीटा था. लुकमान हरियाणा के नूंह ज़िले के घसेड़ा गांव के रहने वाले हैं. द वायर के शेखर तिवारी की लुकमान और उसके परिवार से बातचीत.

हरियाणा: पुलिस की मौजूदगी में कथित गोरक्षकों ने युवक को हथौड़े से पीटा, एक गिरफ़्तार

मामला गुड़गांव का है, जहां मीट की सप्लाई करने वाले मेवात के एक युवक को गोमांस ले जाने के संदेह में आठ-दस युवकों ने बुरी तरह से पीटा. घटना के वायरल वीडियो में पुलिस भी घटनास्थल पर मौजूद दिख रही है.

कोरोना कहकर मणिपुरी युवती को पीटने के मामले में हरियाणा सरकार और पुलिस को एनएचआरसी का नोटिस

इससे पहले बीते मार्च महीने में दिल्ली विश्वविद्यालय से एमफिल की पढ़ाई कर रहीं मणिपुर की ही छात्रा को ‘कोरोना’ कहकर उन पर थूका गया था. इसके बाद अप्रैल महीने में मुंबई के सांताक्रूज इलाके में एक बाइक सवार मणिपुर की ही युवती पर थूककर भाग निकला था.

कोरोना वायरस: विश्व में मौत का आंकड़ा 96 हज़ार के पार, देश में 199 लोगों की मौत

इटली में अब तक 100 डॉक्टरों समेत 18 हज़ार से ज़्यादा लोगों की मौत. अमेरिका से 16 हज़ार से ज़्यादा लोगों की जान गई. ब्रिटेन के प्रधानमंत्री को आईसीयू से बाहर लाया गया. दक्षिण अफ्रीका ने लॉकडाउन का समय दो हफ्ते और बढ़ाया.

राजनीतिक समाज का नया हथियार बनता जय श्री राम

क़ानून का राज होने के बाद भी भीड़ का राज क़ायम है. इस भीड़ को धर्म, जाति और परंपरा के नाम पर छूट मिली है. किसी औरत को डायन बताकर मार देती है, जाति तोड़कर शादी करने वालों की हत्या कर देती है. इसी कड़ी में अब यह शामिल हो गया है कि अपराध करने वाला या झगड़े की ज़द में आ जाने वाले मुसलमान को जय श्री राम के नाम पर मार दिया जाएगा.

मिलेनियम सिटी को साजिद के घर में घुसकर मारने का वीडियो कैसा लगता होगा

गुड़गांव लगातार निशाने पर है. अनजान लोगों से बसा यह शहर हर किसी को अजनबी समझने की फितरत पाले हैं, इसलिए वह मज़हब के आधार पर शक किए जाने या किसी को पीट दिए जाने को बुरा नहीं मानता. भारत का यह सबसे आधुनिक शहर सिस्टम से लेकर एक स्वस्थ्य समाज के फेल होने का शहर है. इस शहर में धूल भी सीमेंट की उड़ती है, मिट्टी की नहीं.

सड़क से संसद: मेवात क्षेत्र के ग़मज़दा मेव मुसलमान

सड़क से संसद की इस कड़ी में कहानी नूह गांव के मेव मुसलमानों की. नीति आयोग द्वारा जारी देश के सबसे पिछड़े 101 ज़िलों की सूची में यह हिस्सा भी आता है. यहां के रहवासी ग़रीबी, शिक्षा और बुनियादी सुविधाओं की कमी के साथ सांप्रदायिकता से भी लड़ रहे हैं. वर्तमान सत्ता से नाराज़ ये लोग उम्मीद करते हैं कि इस बार क्षेत्र से आम चुनाव में खड़े हो रहे उम्मीदवार उनके मुद्दों को गंभीरता से उठाएंगे.