द वायर बुलेटिन: आज की ज़रूरी ख़बरों का अपडेट.
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ज्ञानवापी मस्जिद प्रबंधन समिति के एएसआई सर्वे के मीडिया कवरेज पर रोक की मांग की याचिका पर वाराणसी की अदालत ने एएसआई के साथ-साथ मंदिर और मस्जिद पक्षों से कहा कि वे सर्वे के बारे में मीडिया से बात न करें.
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वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद के एएसआई सर्वे के बीच मस्जिद कमेटी ने कहा है कि सर्वे टीम की ओर से अब तक कोई बयान नहीं दिया गया है, लेकिन अख़बारों, न्यूज़ चैनलों और सोशल मीडिया पर लगातार भ्रामक ख़बरें चल रही हैं. इसलिए उसने सर्वे की मीडिया कवरेज पर रोक के लिए स्थानीय अदालत में याचिका दायर की है.
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राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि रोज़ाना एक नया मुद्दा नहीं उठाना चाहिए. हमको झगड़ा क्यों बढ़ाना? ज्ञानवापी के बारे में हमारी श्रद्धा परंपरा से चलती आई है, पर हर मस्जिद में शिवलिंग क्यों देखना? वो भी एक पूजा है. ठीक है बाहर से आई है, लेकिन जिन्होंने अपनाया है वो मुसलमान बाहर से संबंध नहीं रखते. यद्यपि पूजा उनकी उधर की है, उसमें वो रहना चाहते हैं तो अच्छी बात है. हमारे यहां किसी पूजा का
वाराणसी कोर्ट ने ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वे की फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी की प्रतियां पक्षकारों को उपलब्ध कराए जाने की अनुमति देते हुए उनसे शपथ-पत्र लिया था कि वे उन्हें सार्वजनिक नहीं करेंगे या अदालत की अनुमति के बिना अनाधिकृत इस्तेमाल नहीं करेंगे. हालांकि कुछ ही देर बाद वीडियो और फोटो वायरल हो गए.
ज्ञानवापी मस्जिद की देखरेख करने वाली संस्था अंजुमन इंतेज़ामिया मस्जिद कमेटी द्वारा अपने वकील के माध्यम से एक आवेदन दायर किया गया था, जिसमें आगे बढ़ने से पहले अदालत में लंबित मुक़दमों की स्थिरता (मुक़दमा चलाने लायक है या नहीं) पर निर्णय लेने की मांग की गई थी. अदालत ने मंगलवार तक के लिए अपना फैसला सुरक्षित रखा है.
दिल्ली विश्वविद्यालय के हिंदू कॉलेज के एसोसिएट प्रोफेसर रतन लाल ने वाराणसी स्थित ज्ञानवापी मस्जिद में कथित रूप से खोजे गए ‘शिवलिंग’ की एक तस्वीर पोस्ट की थी और खोज की प्रमाणिकता पर सवाल उठाते हुए व्यंग्य किया था. वहीं, ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर की गई टिप्पणी पर लखनऊ विश्वविद्यालय के प्रोफेसर रविकांत चंदन के ख़िलाफ़ दर्ज एफ़आईआर ख़ारिज करने की मांग इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अस्वीकार कर दी है.
सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद वाराणसी के सिविल जज रवि कुमार दिवाकर के समक्ष दायर दीवानी वाद अब वाराणसी जिला न्यायाधीश वाराणसी को ट्रांसफर किया जाएगा. पांच हिंदू महिलाओं ने वाराणसी की एक निचली अदालत याचिका दायर कर आरोप लगाया गया था कि काशी विश्वनाथ मंदिर के पास स्थित ज्ञानवापी मस्जिद में हिंदू देवी-देवता हैं और हिंदुओं को इस जगह पर प्रार्थना करने की अनुमति दी जानी चाहिए.
मुसलमानों के प्रमुख संगठन ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने कहा है कि इबादतगाहों को लेकर निचली अदालतें जिस तरह से फैसले ले रही हैं, वह अफ़सोस की बात है. बोर्ड ने ज्ञानवापी मस्जिद की देखरेख करने वाली अंजुमन इंतज़ामिया मस्जिद कमेटी को विधिक सहायता मुहैया कराने का फैसला किया है. इस बीच हिंदू पक्ष ने कहा है कि शिवलिंग फव्वारा है तो चला कर दिखाएं. इस पर मुस्लिम पक्ष ने कहा कि वह इसके लिए तैयार है.
वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद में कथित तौर पर शिवलिंग मिलने के संबंध में टिप्पणी करने के आरोप में गुजरात में एआईएमआईएम के नेता दानिश क़ुरैशी और नागपुर में एक व्यक्ति को गिरफ़्तार किया गया है. लखनऊ विश्वविद्यालय के प्रोफेसर रविकांत चंदन पर इस बारे में कथित आपत्तिजनक टिप्पणी करने के बाद एक छात्र द्वारा हमला करने के मामला सामने आया है. वहीं दिल्ली विश्वविद्यालय के हिंदू कॉलेज के एसोसिएट प्रोफेसर रतन लाल ख़िलाफ़ एफ़आईआर दर्ज की गई है.