साल 2018 में हापुड़ में क़ासिम नाम के बकरी व्यापारी को हिंदू भीड़ द्वारा गोहत्या का आरोप लगाते हुए बेरहमी से पीटा गया था, जिनकी बाद में मौत हो गई थी. इस मामले में पुलिसकर्मियों द्वारा बेहद संवेदनहीनता दिखाते हुए घायल क़ासिम को सड़क पर घसीटते हुए अस्पताल पहुंचाया गया था.
घटना उत्तर प्रदेश के हापुड़ ज़िले के लुहारी गांव में बीते 24 अक्टूबर को हुई. मृतक की पहचान इरशाद मोहम्मद के रूप में हुई है. रामलीला मैदान के पास उनकी बाइक से एक व्यक्ति को टक्कर लग गई थी, जिसके बाद भीड़ ने उन पर हमला कर दिया था. इलाके में तनाव को देखते हुए पीएसी तैनात की गई है.
उत्तर प्रदेश के हापुड़ स्थित एक सरकारी प्राथमिक स्कूल का मामला. दो महिला शिक्षकों पर 11 जुलाई को कथित तौर पर दो दलित छात्राओं को अपना यूनिफॉर्म उतारने के लिए मजबूर करने का आरोप है. दोनों शिक्षकों को 13 जुलाई को निलंबित कर दिया गया था.
हादसे में 19 लोग घायल हुए हैं, जिन्हें इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है. धमाका इतना ज़ोरदार था कि आसपास स्थित कुछ फैक्ट्रियों की छतें क्षतिग्रस्त हो गईं. दमकल की गाड़ियों को फैक्ट्री में लगी आग पर काबू पाने में तीन घंटे का समय लगा. पुलिस ने कहा कि हादसे के लिए ज़िम्मेदार लोगों पर कार्रवाई की जाएगी.
हापुड़ ज़िले में राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों के समर्थकों के बीच हिंसा भड़काने के एक आरोपी को ज़मानत देते हुए हाईकोर्ट ने कहा कि गंगा जमुनी तहज़ीब की संस्कृति महज़ मतभेदों को बर्दाश्त करना नहीं है, बल्कि यह विविधता को आत्मसात करने की चीज़ है.
उत्तर प्रदेश के हापुड़ ज़िले के पिलखुवा इलाके का मामला. किसान प्रदीप तोमर को उसकी एक रिश्तेदार की पत्नी की हत्या के सिलसिले में पुलिस ने हिरासत में लिया था.
उत्तर प्रदेश के हापुड़ में 18 जून को 45 वर्षीय मीट व्यवसायी क़ासिम क़ुरैशी की भीड़ द्वारा पीट-पीट कर हत्या कर दी गई थी.
शीर्ष अदालत ने हमले में बच गए समीउद्दीन को सुरक्षा प्रदान करने का भी निर्देश दिया है. बीते 18 जुलाई को मांस कारोबारी क़ासिम क़ुरैशी पर भीड़ ने गोकशी के संदेह में पी- पीट कर मार डाला था. पुलिस ने भीड़ के हमले की बजाय रोड रेज का मामला दर्ज किया है.
वीडियो: हापुड़ लिंचिंग मामले के पीड़ित परिवारों की कबीर अग्रवाल से बातचीत.
वीडियो: हापुड़ लिंचिंग मामले में कथित गोरक्षकों ने जहां कासिम नाम के एक व्यक्ति की निर्मम हत्या कर दी थी, वहीं बेरहमी से पीटकर मोहम्मद समीउद्दीन को अधमरा कर दिया गया था. एक महीने अस्पताल में रहने के बाद अब बाहर आए समीउद्दीन से कबीर अग्रवाल की बातचीत.
उत्तर प्रदेश के हापुड़ में गोहत्या के शक में भीड़ द्वारा किए हमले में बुरी तरह घायल हुए समीउद्दीन को महीने भर बाद अस्पताल से छुट्टी मिली है. उनका कहना है कि वे मामले के चश्मदीद हैं, लेकिन पुलिस उनका बयान नहीं ले रही है.
घायल समीउद्दीन के भाई का कहना है कि जब उन्होंने एफआईआर पर दस्तखत किये तब पुलिस ने उन्हें घटनाक्रम की गलत जानकारी दी थी. घटना का वीडियो सामने आने पर उन्हें सच का पता चला.
छत्तीसगढ़ के सरगुजा में हफ्ते भर के भीतर बच्चा चोरी के संदेह में भीड़ द्वारा पिटाई का यह तीसरा मामला है.
उत्तर प्रदेश के हापुड़ ज़िले के पिलखुआ क्षेत्र में 18 जून को ग्रामीणों ने गोहत्या के शक में दो मुस्लिम व्यक्तियों को पीटकर घायल कर दिया था. इनमें एक व्यक्ति की मौत हो गई. परिवारवालों का आरोप, पुलिस से जैसा कहा वैसी प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई.
हापुड़ के मदापुर गांव निवासी समीउद्दीन के खेत पर गाय एवं बछिया बंधी देख ग्रामीणों को गोवध करने का शक हुआ. उन्होंने समीउद्दीन और उनके साथी कासिम पर हमला कर दिया जिसमें कासिम की मौत हो गई. पुलिस ने दो लोगों को गिरफ़्तार किया.