ईरान के सर्वोच्च नेता आयतुल्ला अली खामेनेई के कट्टर समर्थक एवं कट्टरपंथी न्यायपालिका प्रमुख इब्राहीम रईसी पहले ऐसे ईरानी राष्ट्रपति होंगे, जिन पर पदभार संभालने से पहले ही अमेरिका प्रतिबंध लगा चुका है. उन पर यह प्रतिबंध 1988 में राजनीतिक क़ैदियों की सामूहिक हत्या के लिए तथा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आलोचना झेलने वाली ईरानी न्यायपालिका के मुखिया के तौर पर लगाया गया था.
ईरान की राजधानी तेहरान से उड़ान भरने के कुछ देर बाद ही यूक्रेन का यात्री विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया था, जिससे उसमें सवार 176 लोगों की मौत हो गई. अमेरिका, ब्रिटेन और कनाडा ने ईरान द्वारा विमान को मार गिराए जाने की आशंका जताई थी.
अमेरिकी हवाई हमले में अपने सैन्य कमांडर कासिम सुलेमानी के मारे जाने के बाद कार्रवाई करते हुए ईरान ने इराक स्थित अमेरिकी एयरबेस पर मिसाइल हमला किया. वहीं, ईरान में यूक्रेन का विमान दुर्घटनाग्रस्त होने से सभी 176 नागरिकों की मौत हो गई.
ईरान ने यह कार्रवाई इराक में अमेरिकी हवाई हमले में अपने सैन्य कमांडर कासिम सुलेमानी के मारे जाने के बाद की है. मिसाइल हमले के बाद ट्रंप ने कहा कि इराक में दौ सैन्य अड्डों पर ईरान ने मिसाइल दागी. इससे हुए नुकसान और हताहतों के बारे में जानकारी जुटाई जा रही है. अब तक सब ठीक है.
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का कहना है कि अगर ईरान ने अमेरिकी नागरिकों या अमेरिकी संपत्ति पर हमला किया तो वह ईरान के 52 ठिकानों को नष्ट कर देगा.
इराक़ की राजधानी बग़दाद के अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर शुक्रवार को हुए अमेरिकी हवाई हमले में ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड्स के कमांडर जनरल क़ासिम सुलेमानी और इराक के शक्तिशाली हशद अल-शाबी अर्द्धसैनिक बल के उप-प्रमुख अबु महदी अल मुहंदिस मारे गए. इराक ने इस हमले की निंदा की है.
ईरान के दूसरे बड़े शहर मशहद में बीते गुरुवार को चरमराती अर्थव्यवस्था, महंगाई और बेरोज़गारी को लेकर प्रदर्शन शुरू हुए, जो कई शहरों तक फैल गए.
ईरान के सरकारी टीवी के अनुसार, विभिन्न शहरों में सशस्त्र प्रदर्शनकारियों ने पुलिस थाने और सैन्य ठिकाने पर कब्ज़ा करने की कोशिश की.
राष्ट्रपति चुनाव में हसन रूहानी ने 57 प्रतिशत मत प्राप्त किए जबकि उनके मुख्य प्रतिद्वंद्वी इब्राहिम रईसी को 39 प्रतिशत मत प्राप्त हुए.
एक तरफ ईरान पश्चिमी एशिया में विरोधी सुन्नी अरब देशों और इस्राइल से घिरा हुआ नजर आ रहा है, तो दूसरी तरफ वह अमेरिकी ट्रंप प्रशासन के निशाने पर भी है. इस निर्णायक मोड़ पर बिना किसी अड़चन के नयी सरकार का गठन ईरान की स्थिरता के लिए बेहद जरूरी है. ईरान से द वायर संवाददाता देवीरूपा मित्रा की रिपोर्ट.