संजय चौहान ने ‘साहिब बीवी और गैंगस्टर’, ‘धूप’, ‘से सलाम इंडिया’, ‘राइट या रॉग’, ‘मैंने गांधी को नहीं मारा’ और ‘आई ऐम कलाम’ जैसी फिल्मों के लिए लेखन कार्य किया था. उन्होंने सुधीर मिश्रा की हिट फिल्म ‘हज़ारों ख़्वाहिशें ऐसी’ के लिए संवाद भी लिखे थे, जो 2003 में रिलीज़ हुई थी.
ब्लैक फ्राइडे, गुलाल और सरकार जैसी फिल्मों में अभिनय कर चुके अभिनेता केके मेनन ने कहा कि आपके अभिनय को चाहे कितना भी सराहा जाए इससे फ़र्क़ नहीं पड़ता. फिल्म में बड़े नाम न हो तो सिनेमा देखने कम लोग पहुंचते हैं.
साक्षात्कार: ‘ये वो मंज़िल तो नहीं’, ‘धारावी’, ‘इस रात की सुबह नहीं’, ‘हज़ारों ख़्वाहिशें ऐसी’ जैसी फिल्में बनाने वाले राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार प्राप्त निर्देशक सुधीर मिश्रा से प्रशांत वर्मा की बातचीत.