भारत में कोरोना वायरस संक्रमण के कुल मामलों की संख्या बढ़कर 30,545,433 हो गई है, जबकि मरने वालों का आंकड़ा 402,005 हो गया है. विश्व में संक्रमण के कुल मामले 18.34 करोड़ से ज़्यादा है और अब तक 39.71 लाख से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है.
एल्गार परिषद-माओवादी संबंध मामले में आरोपी कार्यकर्ता स्टेन स्वामी को अदालत के आदेश पर बीते 28 मई को नवी मुंबई की तलोजा जेल से अस्पताल में भर्ती कराया गया था. चिकित्सा आधार पर अंतरिम ज़मानत के लिए इस साल की शुरुआत में दायर याचिका में 84 वर्षीय स्वामी ने दावा किया था कि वह पार्किंसन सहित कई बीमारियों से ग्रस्त हैं.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने औपचारिक रूप से घोषणा की है कि गर्भवती महिलाएं अब कोविन पोर्टल पर टीकाकरण के लिए पंजीकरण कर सकती हैं या इसके लिए निकटतम कोविड टीकाकरण केंद्र जा सकती हैं.
भारत में कोरोना वायरस संक्रमण के कुल मामलों की संख्या बढ़कर 30,502,362 हो गई और अब तक इस महामारी की चपेट में आकर 401,050 लोगों की मौत हो चुकी है. विश्व में संक्रमण के कुल मामले 18.30 करोड़ से ज़्यादा हैं और 39.64 लाख से अधिक लोगों की मौत हुई है.
भारत में बीते एक दिन या 24 घंटे के दौरान में कोरोना वायरस संक्रमण के 46,617 नए मामले सामने आए हैं और इस अवधि में महामारी की चपेट में आकर 853 जान गंवा चुके हैं. विश्व में संक्रमण के मामले 18.26 करोड़ से ज़्यादा हो गए हैं, जबकि 39.55 लाख से अधिक लोगों की मौत हुई है.
तमिलनाडु के एक वकील द्वारा राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग से संपर्क करने के बाद आयोग ने तलोजा जेल अधीक्षक से फादर स्टेन स्वामी को चिकित्सा सुविधाओं से महरूम रखने के आरोपों पर रिपोर्ट तलब की है. एल्गार परिषद मामले में अक्टूबर 2020 से जेल में बंद वयोवृद्ध स्टेन स्वामी कई बीमारियों से जूझ रहे हैं.
बॉम्बे हाईकोर्ट ने नवी मुंबई में एक हवाई अड्डे के नाम को लेकर आयोजित रैली व प्रदर्शनों को लेकर यह टिप्पणी की. पीठ ने कहा कि हम महामारी के मद्देनज़र अदालतें बंद कर रहे हैं, पूरी क्षमता से काम नहीं कर पा रहे, फिर भी नेता रैलियों का आयोजन कर रहे हैं.
मामला बदायूं ज़िले का है, जहां एक सरकारी कर्मचारी की पत्नी ने दावा किया है कि कोविड-19 का टीका लगवाने के बाद उनके पति दृष्टिहीन हो गए. उनकी याचिका पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बदायूं डीएम से कहा है कि वे जांच कर बताएं कि क़ानून के अनुसार इस मामले में मुआवज़ा दिया जा सकता है या नहीं.
देश में कोविड-19 के कुल मामलों की संख्या 3,04,11,634 हो गई है. एक दिन में 1,005 और लोगों की मौत के बाद मृतकों की संख्या बढ़कर 3,99,459 पहुंच गई है. वहीं, विश्व में 18.21करोड़ से ज़्यादा संक्रमण के मामले सामने आए हैं, जबकि 39.47 लाख से अधिक लोग जान गंवा चुके हैं.
भारत में कोरोना वायरस संक्रमण के कुल मामलों की संख्या 30,362,848 पर पहुंच गई है, जबकि एक दिन में जान गंवाने वाले लोगों की संख्या लगातार तीसरे दिन 1,000 से कम रही. एक दिन में 817 और लोगों के जान गंवाने से मृतकों की संख्या बढ़कर 398,454 हो गई है. विश्व में 18.18 करोड़ से ज़्यादा संक्रमण के मामले सामने आए हैं, जबकि 39.37 लाख से अधिक लोगों की मौत हुई है.
कोविड प्रबंधन की आलोचना को मोदी सरकार छवि ख़राब करना बता रही है. हालांकि देश की छवि तब भी बिगड़ती है, जब प्रधानमंत्री चुनाव प्रचार में प्रतिद्वंद्वी महिला मुख्यमंत्री को ‘दीदी ओ दीदी’ कहकर चिढ़ाने पर उतर आते हैं. वह तब भी बिगड़ती है, जब उनके समर्थक हत्यारी भीड़ में बदल जाते हैं या बलात्कारियों के पक्ष में तिरंगे लहराकर जुलूस निकालते हैं.
देश में 102 दिन बाद एक दिन में महामारी के 40 हज़ार से कम नए मामले सामने आए हैं. वहीं, लगातार दूसरे दिन संक्रमण से मौत के एक हज़ार से कम मामले दर्ज हुए हैं. दुनियाभर में कोरोना वायरस संक्रमण के कुल मामले बढ़कर 18.14 करोड़ से ज़्यादा हो गए हैं और 39.29 लाख से अधिक लोगों की जान जा चुकी है.
भारत में कोरोना वायरस संक्रमण के कुल मामलों की संख्या बढ़कर 30,279,331 हो गई है. वहीं, संक्रमण से बीते एक दिन में 979 और लोगों की मौत के बाद मृतक संख्या 396,730 हो चुकी है. संक्रमण से एक दिन में जान गंवाने वालों की संख्या देश में 76 दिन बाद इतनी कम रही है. विश्व में संक्रमण के मामले 18.10 करोड़ से ज़्यादा हैं, जबकि 39.23 लाख से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है.
भारत में कोरोना वायरस संक्रमण के कुल मामलों की संख्या 30,233,183 हो गई है और मृतकों का आंकड़ा संख्या बढ़कर 395,751 पहुंच गया है. विश्व में संक्रमण के मामले 18.07 करोड़ से ज़्यादा है और 39.17 लाख से अधिक लोगों की मौत हुई है.
विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रमुख ने कहा है कि कोरोना वायरस का भारत में पहली बार पाया गया ‘डेल्टा’ स्वरूप अब तक का सबसे संक्रामक प्रकार है. अब यह स्वरूप कम से कम 85 देशों में फैल रहा है. ग़रीब देशों में टीके की अनुपलब्धता इसके प्रसार में सहायक सिद्ध हो रही है और अमीर देश विकासशील देशों को तत्काल टीका नहीं देना चाहते.