बंगनामा: मानवता अभी जीवित थी

सड़क दुर्घटना में किसी की मृत्यु के बाद जुटी भीड़ का आक्रोश केवल दोषी वाहनचालक के ख़िलाफ़ नहीं है, बल्कि यातायात को नियंत्रित करने में विफलता के लिए सरकार के ख़िलाफ़ भी है, और यह भी साबित करता है कि मनुष्य का मोल अभी बरक़रार है. बंगाल की सांस्कृतिक-राजनीतिक बारीकियों पर केंद्रित इस स्तंभ की पहली क़िस्त.

द्वारका एक्सप्रेसवे पर स्वीकृत लागत से चौदह गुना अधिक ख़र्च हुआ: कैग रिपोर्ट

कैग की रिपोर्ट बताती है कि नेशनल हाईवे-48 पर भीड़भाड़ कम करने के उद्देश्य से इसके समानांतर 14-लेन राष्ट्रीय राजमार्ग के तौर पर विकसित द्वारका एक्सप्रेसवे को सीसीईए द्वारा 18.20 करोड़ रुपये प्रति किलोमीटर अनुमोदित थे. हालांकि इसे 250.77 करोड़ रुपये प्रति किलोमीटर की लागत से बनाया गया.