भोजपुरी और हिंदी के प्रमुख भाषा वैज्ञानिक एवं आलोचक डॉ राजेंद्र प्रसाद सिंह बता रहे हैं कि क्यों बोलियों को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल किया जाना चाहिए.
कलकत्ता विश्वविद्यालय में हिंदी के प्रोफेसर अमरनाथ बता रहे हैं कि हिंदी की बोलियों को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल क्यों नहीं किया जाना चाहिए.
आलोचना जगत पर हिंदी के अध्यापकों का कब्ज़ा है लेकिन ये अध्यापक सिर्फ भाषणबाजी कर रहे हैं. दुनिया भर में अच्छी आलोचना अकादमिक संस्थानों में विकसित होती है पर हमारे विश्वविद्यालयों के हिंदी विभागों में क्या हो रहा है, ये किसी से छिपा नहीं है.
दिल्ली की आधिकारिक भाषा अंग्रेज़ी, हिंदी, पंजाबी और उर्दू हैं पर दिल्ली के कई उच्च शिक्षण संस्थानों के पाठ्यक्रम सिर्फ अंग्रेज़ी में हैं और इम्तिहान भी अंग्रेज़ी में ही देना होता है. दिल्ली विश्वविद्यालय और आंबेडकर विश्वविद्यालय के विद्यार्थी बता रहे हैं कि उन्हें अंग्रेज़ी में हो रही इस पढ़ाई से किस तरह की मुश्किलें आ रही हैं.
जन गण मन की बात की 37वीं कड़ी में विनोद दुआ राजभाषा के रूप में हिंदी को थोपने की कोशिश और सरकार की ओर से युवाओं पर कराए गए सर्वे पर चर्चा कर रहे हैं.
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने 'आधिकारिक भाषाओं पर बनी संसदीय समिति' की छह साल पहले की गई सिफारिशों को स्वीकार कर लिया है.
संस्कृत हिंदू धर्म ग्रंथों की भाषा है, इसीलिए भाजपा का उससे कुछ अधिक ही लगाव है. यह अलग बात है कि इस भाषा की समृद्ध साहित्यिक-दार्शनिक विरासत से उसका कोई ख़ास परिचय नहीं है.