गोवा की राजधानी पणजी में आयोजित हिंदू जनजागृति समिति के सम्मेलन में कहा गया है कि केवल उन्हीं उम्मीदवारों का समर्थन करें, जो देश में गोहत्या पर प्रतिबंध, धर्मांतरण विरोधी क़ानून और हिंदू देवी-देवताओं, हिंदू धर्म और हिंदू जीवनशैली का मज़ाक उड़ाने वालों को दंडित करने के लिए क़ानून को सख़्त बनाने का समर्थन करते हैं.
भागलपुर ज़िले के पीरपैंती से भाजपा विधायक ललन पासवान ने देवी लक्ष्मी, सरस्वती और भगवान हनुमान पर कथित तौर पर टिप्पणी की. एक वीडियो में वह कथित तौर पर कहते हुए नज़र आ रहे हैं कि जो समुदाय इन देवी-देवताओं की पूजा नहीं करते, वे भी धन-संपदा और शिक्षा से संपन्न हैं. भाजपा ने विधायक से स्पष्टीकरण मांगा है.
भाजपा विधायक बंशीधर भगत ने 11 अक्टूबर को अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस पर एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए ‘पटाओ’ शब्द का इस्तेमाल करते हुए कहा था कि शिक्षा के लिए देवी सरस्वती, शक्ति के लिए देवी दुर्गा और धन के लिए देवी लक्ष्मी को मनाना होता है. उनके इस बयान की काफी आलोचना हुई थी.
दक्षिणपंथी संगठनों की धमकियों के बाद गुड़गांव में शो रद्द होने के बाद स्टैंड-अप कॉमेडियन कुणाल कामरा ने विश्व हिंदू परिषद को एक पत्र लिखकर चुनौती दी कि वे गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे की निंदा करे. साथ ही कामरा ने विहिप को उनके शो में हिंदू देवी-देवताओं का मज़ाक उड़ाने के दावे का सबूत देने को भी कहा.
स्टैंड-अप कॉमेडियन कुणाल कामरा का शो 17 और 18 सितंबर को गुड़गांव के सेक्टर 29 के स्टूडियो एक्सओ बार में होना था. बार के जनरल मैनेजर ने बताया कि बजरंग दल के लोगों ने शो बाधित करने की धमकी दी थी, जिसके बाद इसे रद्द करने का निर्णय लिया गया.
क़ुतुब मीनार परिसर में हिंदू और जैन देवताओं की मूर्तियों की पुन: स्थापना करने की मांग के बीच दिल्ली वक्फ बोर्ड ने यह मांग की है. उसका दावा है कि परिसर की मस्जिद में नमाज़ पहले से होती रही है, लेकिन भारतीय पुरतत्व सर्वेक्षण (एएसआई) ने इसे रुकवा दिया था. इससे पहले एएसआई ने अदालत में उस याचिका का विरोध किया था, जिसमें देवताओं की मूर्तियों की परिसर में फिर से स्थापना की मांग की गई थी.
एक ऑनलाइन बहस के दौरान लखनऊ विश्वविद्यालय में हिंदी के प्रोफेसर रविकांत चंदन ने काशी विश्वनाथ मंदिर-ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर चल रहे विवाद पर एक की किताब का हवाला दिया था, जिसमें उन कथित परिस्थितियों का वर्णन किया गया है जिसके तहत विवादित स्थान पर मंदिर नष्ट कर उसके स्थान पर एक मस्जिद बनाई गई थी. इस संबंध में पुलिस ने प्रोफेसर के ख़िलाफ़ एफ़आईआर दर्ज की है.
एक याचिका में कहा गया था कि मुहम्मद ग़ोरी के सेनापति क़ुतुबद्दीन ऐबक ने विष्णु हरि मंदिर और 27 जैन मंदिरों को नष्ट कर परिसर के भीतर एक आंतरिक निर्माण कराया था और परिसर का नाम बदलकर ‘कुव्वत-उल-इस्लाम मस्जिद’ कर दिया था. इसे ख़ारिज करते हुए दिल्ली की एक अदालत ने कहा कि पिछली ग़लतियों के आधार पर वर्तमान और भविष्य की शांति को भंग नहीं किया जा सकता.