‘मुझे पहली बार अपने नाम की वजह से डर लगा’

उत्तर पूर्वी दिल्ली में हुए दंगों के दौरान मुस्तफ़ाबाद इलाके में पीड़ितों की मदद के लिए पहुंचे सामाजिक कार्यकर्ता भी डर से अछूते नहीं थे. एक ऐसे ही कार्यकर्ता की आपबीती.

मीडिया बोल: दिल्ली की हिंसा, गोली मारो के नारे और मीडिया

वीडियो: 23 फरवरी से दिल्ली में भड़की सांप्रदायिक हिंसा की आग में अब तक 48 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है और 300 से अधिक लोग घायल हैं. मीडिया बोल की इस कड़ी में उर्मिलेश इस बारे में द वायर के डिप्टी एडिटर अजय आशीर्वाद, सामाजिक कार्यकर्ता शबनम हाशमी और जनचौक वेबसाइट के संवाददाता सुशील मानव से चर्चा कर रहे हैं.

‘सरकार में बैठे लोगों ने सांप्रदायिक माहौल बनाकर कराए दंगे’

साक्षात्कार: बीते रविवार से दिल्ली में शुरू हुए दंगे की आग में अब तक 40 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 300 से अधिक लोग घायल हो चुके हैं. इस दौरान राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्रालय से लेकर दिल्ली पुलिस तक पूरा प्रशासनिक महकमा मूकदर्शक बना रहा. दंगा रोकने में नाकाम रही दिल्ली पुलिस पिछले कुछ समय से अपनी कार्यप्रणाली को लेकर लगातार सवालों के घेरे में है. सांप्रदायिकता, दंगा और पुलिस की भूमिका पर

दिल्ली दंगा: 167 प्राथमिकी दर्ज, 885 लोग हिरासत में

शिक्षा निदेशालय ने कहा है कि उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुई हिंसा के चलते सात मार्च तक स्कूल बंद रहेंगे क्योंकि हिंसा प्रभावित क्षेत्रों में परीक्षाएं आयोजित कराने के लिए स्थिति अनुकूल नहीं है. सीबीएसई ने साफ किया कि 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाएं तय कार्यक्रम के मुताबिक दो मार्च से होंगी.

दिल्ली की सांप्रदायिक हिंसा के लिए नरेंद्र मोदी की राजनीति ज़िम्मेदार है

दिल्ली की हिंसा का कोई ‘हिंदू’ या ‘मुस्लिम’ पक्ष नहीं है, बल्कि यह लोगों को सांप्रदायिक आधार पर बांटने की एक घृणित सियासी चाल है. 2002 के दंगों ने भाजपा को गुजरात में अजेय बना दिया. गुजरात मॉडल के इस बेहद अहम पहलू को अब दिल्ली में उतारने की कोशिश ज़ोर-शोर से शुरू हो गई है.

दिल्ली दंगों के दौरान पुलिस को देखकर लगा मानो उसे लकवा मार गया हो: पूर्व डीजीपी प्रकाश सिंह

साक्षात्कार: बीते रविवार से दिल्ली में शुरू हुए दंगे की आग में अब तक 40 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 300 से अधिक लोग घायल हैं. इस दौरान दिल्ली पुलिस की भूमिका पर लगातार उठ रहे सवालों पर पूर्व डीजीपी प्रकाश सिंह से विशाल जायसवाल की बातचीत.

दिल्ली दंगों के दौरान जिस पत्रकार को गोली लगी, वो किस हाल में है?

विशेष रिपोर्ट: उत्तर पूर्वी दिल्ली में हुए दंगों की कवरेज के लिए गए एक स्थानीय चैनल के संवाददाता आकाश नापा को गोली लगी है. वे जीटीबी अस्पताल में भर्ती हैं.

दिल्ली हिंसा पर यूएन चीफ ने कहा- महात्मा गांधी के विचारों की पहले से कहीं अधिक जरूरत है

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरस के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने कहा कि दिल्ली के उत्तर पूर्व इलाके में सांप्रदायिक हिंसा में अनेक लोगों के हताहत होने से संयुक्त राष्ट्र प्रमुख ‘बहुत दुखी’ हैं और उन्होंने हिंसा के मामले में अधिकतम संयम बरतने की अपील की है.

‘मेरी दाढ़ी-टोपी की वजह से मुझ पर हमला हुआ’

वीडियो: बीत दिनों दिल्ली के उत्तर पूर्वी हिस्से में भड़की हिंसा में 40 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है और तीन सौ से ज़्यादा लोग घायल हैं. इस दौरान चांद बाग के मोहम्मद ज़ुबैर भी दंगाइयों की बर्बरता का शिकार बने और खून में लथपथ उनकी तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हुईं. ज़ुबैर से द वायर की सीनियर एडिटर आरफ़ा ख़ानम शेरवानी की बातचीत.

‘राजनीतिक दबाव के चलते दंगा रोकने में नाकाम हुई दिल्ली पुलिस’

वीडियो: बीते रविवार से दिल्ली में शुरू हुए दंगे की आग में अब तक 40 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 300 से अधिक लोग घायल हो चुके हैं. इस दौरान राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्रालय से लेकर दिल्ली पुलिस तक पूरा प्रशासनिक महकमा मूकदर्शक बना रहा. दंगा रोकने में नाकाम रही दिल्ली पुलिस पिछले कुछ समय से अपनी कार्यप्रणाली को लेकर लगातार सवालों के घेरे में है. सांप्रदायिकता, दंगा और पुलिस की भूमिका पर

दिल्ली हिंसा के दौरान सीलमपुर ने पेश की हिंदू-मुस्लिम एकता की मिसाल

वीडियो: उत्तरी पूर्वी दिल्ली में दंगे भड़कने के एक दिन बाद सांप्रदायिकता की आगे के बीच इस क्षेत्र का सीलमपुर शांति का माहौल बनाए रखने में कामयाब रहा. सीलमपुर जे ब्लॉक के स्थानीय लोगों से सृष्टि श्रीवास्तव की बातचीत.

दिल्ली हिंसा के दौरान क्या था खजूरी ख़ास इलाके का हाल

वीडियो: उत्तर पूर्वी दिल्ली में बीते दिनों हुई हिंसा के दौरान खजूरी ख़ास क्षेत्र भी प्रभावित हुआ है. मंगलवार को क्षेत्र में हुई हिंसा के बाद वहां के स्थानीयों से सृष्टि श्रीवास्तव की बातचीत.

चुनाव आयोग द्वारा प्रतिबंधित अधिकारी की अगुवाई में होगी दिल्ली दंगे की जांच, दो एसआईटी गठित

दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच के तहत गठित एसआईटी टीमों में से एक के प्रमुख डीसीपी जॉय टिर्की होंगे जबकि दूसरी टीम का नेतृत्व डीसीपी राजेश देव करेंगे. ये दोनों अधिकारी जामिया और जेएनयू हिंसा मामलों की भी जांच कर रहे हैं.

दिल्ली हिंसा के ज़िम्मेदार सत्ता के शीर्ष पर बैठे हैं

दिल्ली हिंसा की तैयारी में प्रधानमंत्री, गृहमंत्री, दूसरे केंद्रीय मंत्रियों और भाजपा के नेताओं के प्रत्यक्ष और परोक्ष मुसलमान विरोधी उकसावे की भूमिका है. अगर कभी इस हिंसा की निष्पक्ष जांच हुई, जिसकी उम्मीद न के बराबर है तो इन सब पर इन सभी हत्याओं के लिए ज़िम्मेदारी तय की जाएगी.

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