दान में मिली पांच एकड़ ज़मीन की ज़रूरत नहीं, मस्जिद को लेकर समझौता नहीं होगा: ओवैसी

राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद ज़मीन विवाद के संबंध में सुप्रीम कोर्ट के फैसले को एआईएमआईएम नेता असदुद्दीन ओवैसी ने तथ्यों पर विश्वास की जीत क़रार दिया. उन्होंने कहा कि उच्चतम न्यायालय सर्वोच्च है, लेकिन उससे भी गलती हो सकती है.

अतीत की बातों को भुलाकर सभी मिलकर भव्य राम मंदिर का निर्माण करेंगे: संघ प्रमुख

अयोध्या के बाद काशी और मथुरा में भावी योजना के बारे में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि संघ आंदोलन नहीं करता, संघ का काम मनुष्य निर्माण है.

बाबरी मस्जिद-राम जन्मभूमि ज़मीन विवाद: पढ़ें सुप्रीम कोर्ट का पूरा फ़ैसला

सुप्रीम कोर्ट का यह निर्णय 2010 के इलाहाबाद हाईकोर्ट के फ़ैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर आया है. हाईकोर्ट ने अपने फ़ैसले में 2.77 एकड़ ज़मीन को सुन्नी वक़्फ़ बोर्ड, निर्मोही अखाड़ा और रामलला विराजमान के बीच बराबर बांटने का आदेश दिया था.

अयोध्या मामले में अदालत के फैसले से खुश हूं: इक़बाल अंसारी

राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद मामले के पक्षकार रहे हाशिम अंसारी के बेटे और मुद्दई इक़बाल अंसारी ने कहा कि इस बात की सबसे ज़्यादा खुशी है कि यह मसला सुलझ गया है. उन्होंने कहा कि वह अदालत के फैसले को चुनौती नहीं देंगे.

सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले का सम्मान करते हैं, लेकिन इससे संतुष्ट नहीं: ज़फ़रयाब जिलानी

बाबरी मस्जिद-रामजन्मभूमि ज़मीन विवाद पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद सुन्नी वक़्फ़ बोर्ड के वकील ज़फ़रयाब जिलानी ने कहा कि वे वकीलों से बात करने के बाद पुनर्विचार याचिका दायर करने के बारे में निर्णय लेंगे.

विवादित स्थल पर मुस्लिम पक्ष का दावा ख़ारिज, हिंदू पक्ष को मिलेगी ज़मीन: सुप्रीम कोर्ट

बाबरी मस्जिद-रामजन्मभूमि विवाद: रामजन्मभूमि न्यास को मिलेगा 2.77 एकड़ ज़मीन का मालिकाना हक़. मंदिर निर्माण के लिए केंद्र सरकार को तीन महीने के अंदर बनाना होगा ट्रस्ट. सुन्नी वक़्फ़ बोर्ड को अयोध्या में ही पांच एकड़ ज़मीन दी जाएगी.

अयोध्या: फैसले का स्वागत करते हुए नेताओं और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने की शांति बनाए रखने की अपील

रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद ज़मीन विवाद मामले पर फैसला सुनाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष का दावा ख़ारिज कर दिया है. रामजन्मभूमि न्यास को मिलेगा 2.77 एकड़ ज़मीन का मालिकाना हक़. मंदिर निर्माण के लिए केंद्र सरकार को तीन महीने के अंदर बनाना होगा ट्रस्ट. सुन्नी वक़्फ़ बोर्ड को अयोध्या में ही पांच एकड़ ज़मीन दी जाएगी.

उत्तर प्रदेश: अयोध्या में कड़ी सुरक्षा, सभी ज़िलों में बनाई गई अस्थायी जेल, स्कूल बंद

राम जन्मभूमि बाबरी मस्जिद ज़मीन विवाद मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के मद्देनज़र अयोध्या छावनी में तब्दील. अयोध्या के आसपास के क्षेत्रों में सुरक्षा बढ़ा दी गई है. पूरे उत्तर प्रदेश में सुरक्षा कड़ी की गई. धारा 144 लागू. 21 ज़िलों को संवेदनशील घोषित किया गया.

विहिप ने अयोध्या को रणक्षेत्र बनाया तो ‘हिंदू’ हुई हिंदी पत्रकारिता

मुख्यधारा की पत्रकारिता तो शुरुआती दिनों से ही राम जन्मभूमि आंदोलन का अपने व्यावसायिक हितों के लिए इस्तेमाल करती और ख़ुद भी इस्तेमाल होती रही. 1990-92 में इनकी परस्पर निर्भरता इतनी बढ़ गई कि लोग हिन्दी पत्रकारिता को हिंदू पत्रकारिता कहने लगे.

अयोध्या मामले की सुनवाई कर रहे सुप्रीम कोर्ट के पांच जज कौन हैं?

अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की पीठ आज ऐतिहासिक फैसला सुनाएगी. इस पीठ में चीफ जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस एसए बोबडे, जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस अब्दुल नजीर शामिल हैं.

अयोध्या: फैसले से पहले सीजेआई गोगोई उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव और पुलिस प्रमुख से मिले

अयोध्या में विवादित भूमि को लेकर अगले सप्ताह सुनाए जाने की संभावना है, क्योंकि चीफ जस्टिस रंजन गोगाई 17 नवंबर को सेवानिवृत्त हो रहे हैं. पूरे राज्य सहित 78 बड़े स्टेशनों तथा ट्रेनों में चौकसी बढ़ा दी है. अर्द्धसैनिक बलों के करीब 4,000 जवानों को भेजा गया है.

आज हिंदुस्तानी मुसलमान को एक नए सामाजिक आंदोलन की ज़रूरत है

आज बहुत सुनियोजित ढंग से आरएसएस परिवार को छोड़कर सारी आवाज़ों को दबा दिया गया है. अगर कोई आवाज़ उठती भी है तो वह सिर्फ उनकी होती है, जो मुसलमानों को पिछड़ा, दकियानूसी और क़बायली साबित करती हैं.

जम्मू कश्मीर: 5 अगस्त के बाद से 450 लोगों की विदेश यात्रा पर लगी है अस्थायी रोक

जम्मू कश्मीर प्रशासन ने राज्य का विशेष दर्जा ख़त्म करने और दो केंद्रशासित प्रदेशों में बांटने के बाद यहां के साढ़े चार सौ से अधिक कारोबारियों, पत्रकारों, वकीलों और राजनीतिक कार्यकर्ताओं की एक सूची तैयार की है, जिनके विदेश जाने पर रोक लगाई गई है. प्रशासन ने किसी भी व्यक्ति को नहीं बताया है कि यह प्रतिबंध कब तक रहेगा.

सावरकर को भारत रत्न देना आज़ादी के नायकों का अपमान है

क्या ऐसा शख़्स, जिसने अंग्रेज़ सरकार के पास माफ़ीनामे भेजे, जिन्ना से पहले धर्म के आधार पर राष्ट्र बांटने की बात कही, भारत छोड़ो आंदोलन के समय ब्रिटिश सेना में हिंदू युवाओं की भर्ती का अभियान चलाया, भारतीयों के दमन में अंग्रेज़ों का साथ दिया और देश की आज़ादी के अगुआ महात्मा गांधी की हत्या की साज़िश का सूत्रसंचालन किया, वह किसी भी मायने में भारत रत्न का हक़दार होना चाहिए?

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