हिंदुओं को लगातार डराकर उनके बड़े हिस्से का सामाजिक विवेक छीन लिया गया है

जिस भी समाज में धर्मभीरुता बढ़ जाती है, उससे अपने धर्म के उदात्त मूल्यों की हिफाजत संभव नहीं हो पाती. पहले वह बर्बरता, बीमारी व असामाजिकता के सन्निपातों, फिर अनेक असली-नकली असुरक्षाओं से पीड़ित होने लग जाता है.

ढाका के हिंदू: बांग्लादेश के माने नहीं जाओगे, भारत में पहचाने नहीं जाओगे

पिक्चर पोस्टकार्ड: बांग्लादेश का हिंदू चुभती हुई पीड़ा के साथ जी रहा है. अपने मुल्क में वह पराया हो गया है, और भारतीय सत्ता उसे 'दीमक' कह कर लांछित करती आ रही है.

मुसलमानों के ख़िलाफ़ घृणा और हिंसा भारत में महामारी की तरह फैल गई है

मुसलमानों पर हिंसा करने वाले हिंदू कम हो सकते हैं. लेकिन एक सच यह भी है कि हिंदुओं में बहुलांश को मुसलमानों पर हिंसा से फ़र्क नहीं पड़ता.

बांग्लादेश से गुज़रते हुए: क़िस्त चार

बांग्लादेश के मूल्यों और संस्कृति के लिए घरेलू सांप्रदायिकता की अपेक्षा भारत में होने वाली मुसलमान विरोधी बयानबाज़ी और राजनीति ज़्यादा घातक है. भारत में मुसलमानों पर किए जा रहे व्यक्तिगत या संगठित अत्याचार हों, या अयोध्या और 'लव जिहाद' से संबंधित अदालती फैसले, इन सबका घातक प्रभाव बांग्लादेश की धर्मनिरपेक्षता पर होता है.

शेख़ हसीना ने जो चुनावी बूथ पर नहीं होने दिया, वह सड़क पर होकर रहा

शेख़ हसीना के ख़िलाफ़ हुआ विद्रोह अपनी तार्किक परिणति पर तब तभी पहुंच सकता है जब वह छात्रों को सुनेगा: यह आंदोलन एक ऐसा समाज बनाने का आंदोलन है जिसमें किसी भी प्रकार का भेदभाव न होगा.

उत्तराखंड: हरिद्वार कांवड़ मार्ग पर मस्जिदों-मज़ार पर परदे डाले गए, आलोचना के बाद हटाया गया

हरिद्वार शहर के ज्वालापुर में कांवड़ यात्रा मार्ग में स्थित दो मस्जिदों और एक मज़ार को बड़ी-बड़ी चादरों से ढक दिया गया था. कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि शांति बनाए रखने के लिए ऐसा किया गया. वहीं, प्रशासन ने दावा किया कि उन्होंने ऐसे परदे लगाने का कोई आदेश जारी नहीं किया.

क्या सावन में या कांवड़ यात्रा के दौरान मुसलमानों का छुआ भोजन हिंदुओं के लिए निषिद्ध होगा?

पुलिस कहती है कि कुछ लोगों ने जानबूझकर दुकानों के ऐसे नाम रखे जिनसे कांवड़ियों को भ्रम हो गया. क्या पुलिस को ऐसा कोई मामला मिला जिसमें कांवड़ियों को मुसलमानों ने मोमो में बंदगोभी की जगह कीमा खिला दिया? क्या कांवड़िए शाकाहार मांग रहे थे और उन्हें मांस की कोई वस्तु बेच दी गई?

‘हिंदू समाज ने राजनीतिक ग़ुलामी भोगी, लेकिन वह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ जैसा कायर कभी नहीं रहा’

पुस्तक अंश: जो अपने घोषित सिद्धांतों पर नहीं टिक सकता और जो सुविधा के मुताबिक सिद्धांत बदलता रहता है वह कायर है या वीर?

राहुल गांधी का राम मंदिर आंदोलन को हराने की बात कहना यथार्थ से अधिक इरादे का बयान है

राहुल गांधी का यह कहना कि 'हमने राम मंदिर आंदोलन को हरा दिया है, वही लाल कृष्ण आडवाणी ने जिसका नेतृत्व किया था,' विचारधारात्मक चेतावनी है. असल लड़ाई उस विचारधारा से है जिसने राम जन्मभूमि आंदोलन को जन्म दिया. यानी संघर्ष आरएसएस के हिंदू राष्ट्र के विचार से है.

कोई भाईचारा नहीं था कभी, न कोई गंगा जमुनी तहज़ीब…

भारतीय जनतंत्र एक वादा था और हिंदू-मुसलमान भाईचारा उसकी बुनियाद. लेकिन आज मुसलमान ख़ुद को बराबरी का नागरिक नहीं मान पा रहा है. कविता में जनतंत्र स्तंभ की उन्नीसवीं क़िस्त.

क्या जातिवाद से लड़े बिना हिंदुत्ववादी एजेंडा के ख़िलाफ़ कोई संघर्ष संभव है?

सवर्णों ने इस विमर्श को केंद्र में ला दिया है कि ओबीसी और दलित हिंदुत्व के रथी हो गए हैं. यह विमर्श इस तथ्य को कमज़ोर करना चाहता है कि ऊंची जातियां हिंदुत्व का केंद्र हैं, उसे विचार और ताक़त देती हैं. आज भाजपा यदि अपने विस्तार के अंतिम बिंदु पर दिखाई देती है तो उसकी वजह यह है कि वह गैर-ब्राह्मण समूहों में अपेक्षित पकड़ नहीं बना पाई है.  

भड़काऊ भाषण पर चुनाव आयोग की चुप्पी: लोकतंत्र का अंत?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत उनके दल के नेताओं की हेट स्पीच पर चुनाव आयोग की ख़ामोशी से अंदाज़ मिलता है कि भाजपा नेताओं को माहौल सांप्रदायिक बनाने के लिए उसने पूरी छूट दी है.

गुजरात सरकार ने कहा- बौद्ध अलग धर्म है, हिंदुओं को धर्म परिवर्तन के लिए अनुमति लेनी होगी

गुजरात सरकार ने एक सर्कुलर जारी कर कहा है कि बौद्ध धर्म को एक अलग धर्म माना जाना चाहिए और हिंदू धर्म से बौद्ध, जैन और सिख धर्म में परिवर्तित होने के लिए गुजरात धर्म स्वतंत्रता अधिनियम, 2003 के प्रावधानों के तहत संबंधित डीएम की पूर्व मंज़ूरी लेनी होगी.

असम के मुस्लिमों पर हिमंता बिस्वा की टिप्पणी पर ओवैसी बोले- कट्टरता, नस्लवाद का खुला प्रदर्शन

असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा ने मुस्लिम समुदाय से कहा था कि यदि वे चाहते हैं कि उनके साथ मूल निवासी जैसा बर्ताव किया जाए तो वे असमिया संस्कृति का पालन करें. मूल निवासी होने के लिए किसी को वहां की संस्कृति को स्वीकार करना होगा.

क्या चुनाव आयोग मोदी पर आचार संहिता के उल्लंघन की कार्रवाई करने से डर रहा है: पूर्व आईएएस

पूर्व आईएएस अधिकारी ईएएस सरमा ने भारतीय निर्वाचन आयोग को बीते 22 मार्च को एक पत्र लिखकर शिकायत की थी कि प्रधानमंत्री नरेंद्र ने अपने भाषण में 'हिंदू धर्म की आस्था' के नाम पर वोट की अपील करके आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन किया है. उन्हें आयोग की ओर से अब तक कोई प्रतिक्रिया प्राप्त नहीं हुई है.