असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा ने मुस्लिम समुदाय से कहा था कि यदि वे चाहते हैं कि उनके साथ मूल निवासी जैसा बर्ताव किया जाए तो वे असमिया संस्कृति का पालन करें. मूल निवासी होने के लिए किसी को वहां की संस्कृति को स्वीकार करना होगा.
पूर्व आईएएस अधिकारी ईएएस सरमा ने भारतीय निर्वाचन आयोग को बीते 22 मार्च को एक पत्र लिखकर शिकायत की थी कि प्रधानमंत्री नरेंद्र ने अपने भाषण में 'हिंदू धर्म की आस्था' के नाम पर वोट की अपील करके आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन किया है. उन्हें आयोग की ओर से अब तक कोई प्रतिक्रिया प्राप्त नहीं हुई है.
कभी-कभार | अशोक वाजपेयी: हमारे लोकतंत्र की एक विडंबना यह रही है कि उसके आरंभ में तो राजनीतिक नेतृत्व में बुद्धि ज्ञान और संस्कृति-बोध था जो धीरे-धीरे छीजता चला गया है. हम आज की इस दुरवस्था में पहुंच हैं कि राजनीति से नीति का लोप ही हो गया है.
नैतिक राजनीति का एक काम ऐसी सामूहिकता का निर्माण है जो भय पर आधारित न हो. वह लोगों को शामिल करने के विचार पर टिकी हो, अलग और दूर करने के नहीं. अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी की राजनीतिक भाषा अभी ठीक इसके विपरीत है.
क्या वाकई सड़कों पर सभी प्रकार के धार्मिक आयोजनों पर रोक लगा सकते हैं? तब तो बीस मिनट की नमाज़ से ज़्यादा हिंदुओं के सैकड़ों धार्मिक आयोजन प्रभावित होने लग जाएंगे, जो कई दिनों तक चलते हैं. बैन करने की हूक सड़कों के प्रबंधन बेहतर करने की नहीं है, एक समुदाय के प्रति कुंठा और ज़हर उगलने की ज़िद है.
अयोध्या में मीडिया के एक हिस्से द्वारा ‘नकारात्मक’ ख़बरों को नकारने का सिलसिला राम मंदिर के प्राण-प्रतिष्ठा समारोह के अगले दिन ही शुरू हो गया था. तभी, जब रामलला के दर्शन के लिए उमड़ी भीड़ की धक्का-मुक्की में कुछ घायल हो गए और इनमें से एक की मौत हो गई तो मीडिया ने इसे प्रसारित करने से परहेज़ किया था.
सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जस्टिस केएम जोसेफ एक कार्यक्रम में संविधान से 'धर्मनिरपेक्षता' का संदर्भ हटाने की मांग का ज़िक्र करते हुए कहा कि विविधता में एकता का अर्थ यह नहीं है कि आप विविधता को मिटा सकते हैं. इसका मतलब यह भी नहीं हो सकता कि आप विविधता को मिटाकर एकता हासिल कर लेंगे.
जब भी अपने भक्तों के अहंकार की परीक्षा लेनी होती है, रामलला ऐसी नरलीला करते ही करते हैं. कभी भक्त समझ जाते हैं और कभी नहीं समझ पाते. नहीं समझ पाते तो अपना अहंकार बढ़ाते जाते हैं. फिर एक दिन अचानक रामलला उसे तोड़ देते हैं तो वे पछताते हैं. अहंकार दरअसल, रामलला का आहार है.
राज्यसभा में भाजपा सांसद हरनाथ सिंह यादव ने कहा कि पूजा स्थल अधिनियम, 1991 संविधान के तहत हिंदुओं, सिखों, बौद्धों और जैनियों के धार्मिक अधिकारों को छीन लेता है. इससे देश में सांप्रदायिक सौहार्द्र को भी नुकसान पहुंच रहा है. इसलिए मैं सरकार से राष्ट्रहित में इस क़ानून को तुरंत रद्द करने का आग्रह करता हूं.
एक कार्यक्रम के दौरान आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि जब 1925 में आरएसएस का गठन हुआ था, तब कोई नहीं जानता था कि असली एजेंडा क्या है. सभी को बताया गया कि इसका गठन हिंदुओं को एक छत के नीचे एकजुट करने के इरादे से किया गया था. रामजन्मभूमि जैसे मुद्दे हमारे पर्याप्त ताक़त हासिल करने के बाद ही सामने आए.
संघ परिवार के ‘विशेषज्ञों’ के अलावा भक्त मीडिया के कई स्वयंभू विश्लेषक मंदिर मुद्दे पर भाजपा की दिग्विजय पक्की बताते हुए दावा कर रहे हैं कि देश के विभिन्न अंचलों के श्रद्धालुओं को ‘भव्य’ राम मंदिर व ‘दिव्य’ अयोध्या का दर्शन कराकर पार्टी लोकसभा चुनाव तक उन्हें अपना मुरीद बना लेगी. लेकिन यह पूरा सच नहीं है.
अयोध्या में राम मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा करोड़ों साधारण आस्थावान हिंदुओं के लिए उनके आराध्य का भव्य मंदिर बनने का विशेष पर्व था. उनमें से अधिकांश के मन में कोई कट्टरता नहीं रही होगी. लेकिन इसके आयोजकों और प्रायोजकों ने इसके राजनीतिक निहितार्थ के बारे में शक की कोई गुंजाइश नहीं छोड़ी है.
वीडियो: अयोध्या में राम मंदिर के प्राण-प्रतिष्ठा के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषण पर द वायर की सीनियर एडिटर आरफ़ा ख़ानम शेरवानी का नज़रिया.
राम मंदिर प्राण-प्रतिष्ठा के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भाषण हिंदुत्व की राजनीति करने वाले व्यक्ति का संबोधन था. वो, जिसने धर्म की भावुकता और राजसत्ता की बेईमानी से एक ऐसा मिश्रण किया है जिसके ज़रिये वह आम आस्थावान जनता को छल सके.
अयोध्या में राम मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा पर पिनराई विजयन ने संविधान का हवाला देते हुए कहा कि सभी को स्वतंत्र रूप से धर्म को मानने, उसका अभ्यास और प्रचार करने का समान अधिकार है. वहीं ममता बनर्जी ने भाजपा को 'महिला विरोधी' क़रार दिया. सिद्धारमैया ने कहा कि 'हम महात्मा गांधी के राम की पूजा करते हैं, भाजपा के राम की नहीं.'