हरियाणा में गोरक्षकों के एक प्रमुख चेहरे मोनू मानेसर, जुनैद और नासिर की हत्याकांड मामले में नामित 21 आरोपियों में से एक हैं. 16 फरवरी को हरियाणा के भिवानी में एक वाहन में दोनों चचेरे भाइयों के जले हुए शव पाए गए थे. मृतकों के ख़िलाफ़ गो-तस्करी के आरोप लगाए जाने के बाद इस घटना को अंजाम दिया गया था.
राजस्थान के जुनैद और नासिर 15 फरवरी को भरतपुर से लापता हो गए थे. अगले दिन उनके जले हुए शव हरियाणा के भिवानी ज़िले में मिले थे. परिवार ने बजरंग दल के सदस्यों पर हत्या का आरोप लगाया था, जिनमें बजरंग दल सदस्य और हरियाणा सरकार की गोरक्षा टास्क फोर्स के सदस्य मोनू मानेसर भी शामिल थे.
बीते दो फरवरी को बाड़मेर में संतों की एक सभा में बाबा रामदेव ने हिंदू धर्म की तुलना इस्लाम और ईसाई धर्म से करते हुए मुस्लिमों पर आतंक का सहारा लेने और हिंदू लड़कियों का अपहरण करने का आरोप लगाया था.
राजस्थान के बाड़मेर में हिंदू नेताओं की एक सभा में रामदेव को यह कहते हुए सुना जा सकता है कि मुसलमानों का मानना है कि नमाज़ ‘हिंदू लड़कियों के अपहरण और आतंकवाद’ सहित सभी पापों को धो देती है. ईसाई धर्म के बारे में उन्होंने कहा कि चर्च में जाओ, मोमबत्ती जलानी हो, जलाओ और ईसा मसीह के सामने खड़े हो जाओ, सारे पाप नष्ट हो जाएंगे.
कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु की हिंदू जनजागृति समिति के समन्वयक चंद्रू मोगर ने तीन दिन पहले हिंदुओं को सिर्फ हिंदू विक्रेताओं से ही फल खरीदने का आग्रह किया था ताकि फल कारोबार में मुस्लिमों का एकाधिकार समाप्त किया जा सके. इसके बाद से चार सामाजिक कार्यकर्ता सांप्रदायिक घृणा और हिंसा को बढ़ावा देने के लिए मोगर के ख़िलाफ़ एफआईआर दर्ज कराने के प्रयास में लगे हैं.
सरगुजा ज़िले में एक अक्टूबर को कथित तौर पर हिंदुओं के ईसाई धर्म में जबरन धर्मांतरण में बढ़ोतरी के विरोध में एक रैली का आयोजन किया गया, जिसमें भाजपा के कई दिग्गज नेता शामिल हुए. रैली में स्वामी परमात्मानंद ने इन कथित जबरन धर्मांतरण में शामिल अल्पसंख्यकों को निशाना बनाकर उनकी हत्या का आह्वान किया.
इस घटना को लेकर एक वीडियो सामने आया है, जिसमें ये देखा जा सकता है कि कट्टर हिंदुत्ववादी नेता यति नरसिंहानंद की अनुयायी मधु शर्मा मुस्लिम व्यक्ति का बाल पकड़ कर खींच रही हैं और उन्हें थप्पड़ मार रही हैं. धक्का देने का आरोप लगाते हुए उन्होंने व्यक्ति को पैर छूने के लिए मजबूर किया.
हिंदूत्ववादी नेता मिलिंद एकबोटे द्वारा हाल ही में दिए गए बयान से कथित तौर पर दो समुदायों के बीच वैमनस्यता को प्रोत्साहन देने के आरोप में उनके ख़िलाफ़ केस दर्ज किया गया है. पुणे शहर के कोंढवा इलाके में हज हाउस के निर्माण के विरोध में उन पर आपत्तिजनक बयान देने का आरोप लगा है.