बीसियों साल से जिस तरह की विभाजनकारी राजनीति हो रही है, मीडिया के सहयोग से जिस तरह समाज में ज़हर बोया जा रहा है, उसकी फसल अब लहलहाने लगी है.
फारूक़ अब्दुल्ला ने संघ को दी उन्माद से बचने की नसीहत, कहा- धार्मिक आधार पर देश को बांटने का चलन राष्ट्रहित के लिए घातक. इधर आरएसएस के भैयाजी जोशी ने कहा, हिंदुत्व से बदलेगा समाज.
पांच बार राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार से सम्मानित अभिनेता प्रकाश राज ने कहा कि अगर एक आवाज़ दबाई जाएगी तो और ज़्यादा मज़बूत आवाज़ें सामने आएंगी.
हज़ारों की तादाद में ऐसे नवयुवक तैयार हैं जो अब धर्म के नाम पर जान लेने और देने के लिए तत्पर हैं.
अभिनेता प्रकाश राज ने भाजपा नेता अनंत कुमार हेगड़े को आड़े हाथों लेते हुए उनकी राजनीति पर सवाल उठाए.
लेखिका नयनतारा सहगल ने कहा, फिल्म पद्मावती का विरोध हिंदुत्व से प्रेरित है, न कि हिंसा की मनाही करने वाले हिंदूवाद से.
आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि हिंदुस्तान हिंदुओं का देश है. इसका मतलब यह कतई नहीं है कि हिंदुस्तान दूसरे लोगों का देश नहीं है.
आपातकाल की चर्चा तब तक पूरी नहीं होती जब तक स्वाधीनता संग्राम सेनानी और प्रसिद्ध समाजवादी नेता जयप्रकाश नारायण की चर्चा न की जाए.
दीनदयाल उपाध्याय की जन्मशताब्दी से कुछ दिन पहले विदेश मंत्रालय की आधिकारिक वेबसाइट पर अपलोड एक ई-बुक में भाजपा को देश का एकमात्र राजनीतिक विकल्प बताया गया है.
अंत्योदय का नारा देने वाले दीनदयाल उपाध्याय का कहना था कि अगर हम एकता चाहते हैं, तो हमें भारतीय राष्ट्रवाद को समझना होगा, जो हिंदू राष्ट्रवाद है और भारतीय संस्कृति हिंदू संस्कृति है.
संघ प्रमुख ने कहा कि हिंदू धर्म के दरवाजे सभी के लिए आज भी खुले हुए हैं, क्योंकि हम यह मानते हैं कि हम सबके पूर्वज हिंदू ही हैं.
भारत छोड़ो आंदोलन के बाद ब्रिटिश सरकार ने खुशी व्यक्त करते हुए लिखा कि संघ ने पूरी ईमानदारी से ख़ुद को क़ानून के दायरे में रखा, ख़ासतौर पर अगस्त, 1942 में भड़की अशांति में वो शामिल नहीं हुआ.
भारत हिंदू राष्ट्र है, विवेकानंद ने शिकागो धर्म सभा में हिंदुत्व का प्रतिनिधित्व किया था जैसी बातें उस बुकलेट में हैं, जो भाजपा यूपी में होने वाली एक प्रतियोगिता के लिए स्कूलों में बांटेगी.
नीतीश मुख्यमंत्री पद के तथाकथित ‘बलिदान’ के कुछ ही घंटों के भीतर भाजपा के समर्थन से फिर उसी कुर्सी पर काबिज़ हो गए, जो प्रदेश की जनता द्वारा दिए गए जनादेश से धोखा करने जैसा है.
फिल्मकार सुमन घोष ने सेंसर बोर्ड द्वारा बताए गए शब्दों को हटाने से साफ इनकार कर दिया है.