निजता के ख़तरे में पड़ने की आशंका से एड्स और एचआईवी प्रभावित लोग इलाज के लिए अस्पताल आने से बच रहे हैं.
सरकार द्वारा बकाया न चुकाए जाने के चलते प्रसिद्ध दवा निर्माता कंपनी सिप्ला ने एचआईवी प्रभावित बच्चों के लिए बेहद ज़रूरी दवा को बनाना बंद कर दिया है.