इस बहुरंगी देश को इकरंगी बनाने की क़वायदें अब गणतांत्रिक प्रतीकों व विरासतों को नष्ट करने के ऐसे अपराध में बदल गई हैं कि उन्हें इतिहास से बुरे सलूक की हमारी पुरानी आदत से जोड़कर भी दरकिनार नहीं किया जा सकता.
अमर जवान ज्योति की स्थापना उन भारतीय सैनिकों की याद में की गई थी, जो कि 1971 के भारत-पाक युद्ध में शहीद हुए थे. इस युद्ध में भारत की विजय हुई थी और बांग्लादेश का गठन हुआ था. तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने 26 जनवरी 1972 को इसका उद्घाटन किया था. कांग्रेस ने कहा कि मोदी सरकार का यह क़दम सैनिकों के बलिदान के इतिहास को मिटाने की तरह है.