असम-मिज़ोरम सीमा विवाद: असम पुलिस के घायल जवान की मौत, मृतक संख्या सात हुई

असम और मिज़ोरम की विवादित सीमा पर 26 जुलाई को हुए हिंसक झड़प में पांच पुलिसकर्मी और एक आम नागरिक की मौत हो गई थी. इस घटना में कछार एसपी समेत 50 अन्य घायल हो गए थे. 

असम और मिज़ोरम के बीच सीमा विवाद की वजह क्या है?

मौजूदा असम और मिज़ोरम के बीच 164 किलोमीटर की सीमा ब्रिटिश ज़माने से ही है जब मिज़ोरम को असम के एक ज़िले लुशाई हिल्स के नाम से जाना जाता था. विवाद 1875 की एक अधिसूचना से उपजा है, जो लुशाई हिल्स को कछार के मैदानी इलाकों से अलग करता है, जबकि 1933 की एक अन्य अधिसूचना ने उस विवाद को बढ़ाने का काम किया, जिसके तहत लुशाई हिल्स और मणिपुर के बीच एक सीमा निर्धारित कर दी गई.

सीमा विवादः असम के मुख्यमंत्री ने वीडियो ट्वीट कर कहा- मिज़ोरम पुलिस ने मामला बढ़ाया

लंबे समय से चले आ रहे सीमा विवाद को लेकर बीते सोमवार को असम और मिज़ोरम पुलिस के बीच हुए हिंसक संघर्ष में असम के कम से कम पांच पुलिसकर्मियों की मौत हो गई, जबकि क़रीब 50 अन्य घायल हो गए. असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा ने मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में ले जाने की बात कही है.

असम-मिज़ोरम सीमा विवाद: दोनों राज्यों की पुलिस के बीच संघर्ष, असम के छह पुलिसकर्मियों की मौत

सीमा विवाद को लेकर असम और मिज़ोरम के मुख्यमंत्रियों के बीच सार्वजनिक रूप से कहासुनी हुई. दोनों मुख्यमंत्रियों ने हिंसा के लिए एक-दूसरे को ज़िम्मेदार ठहराते हुए केंद्र सरकार से तत्काल हस्तक्षेप की मांग की. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने हिमंता बिस्वा शर्मा और ज़ोरमथांगा से बात कर शांति बनाए रखने की अपील की है.

प्रधानमंत्री, गृहमंत्री, मुख्यमंत्री के ख़िलाफ़ अपमानजनक टिप्पणी के आरोपी पादरी गिरफ़्तार

तमिलनाडु के कन्याकुमारी ज़िले में एक कैथोलिक पादरी फादर जॉर्ज पोनैया को गिरफ़्तार किया गया है. उन्होंने अरूमनाई शहर में एक समागम के दौरान कथित तौर पर ये टिप्पणियां की थीं. वह चर्च को बंद किए जाने और घरों में प्रार्थनाओं पर प्रतिबंध लगाए जाने के ख़िलाफ़ थे.

ओबीसी और दलितों के साथ महज़ सत्ता की साझेदारी उनके आर्थिक उत्थान का विकल्प नहीं है

समाज के वंचित वर्गों के लिए आय बढ़ाने के संबंध में भाजपा सरकार के सभी प्रमुख वादों के अब तक कोई ठोस परिणाम नहीं मिले हैं.

केंद्र के नए मंत्रियों की यह तस्वीर बताती है कि मोदी सरकार में बस मोदी ही मुख्य हैं

मंत्रिपरिषद के विस्तार के बाद भले ही मंत्रियों की संख्या 77 पहुंच गई हो, लेकिन चुने गए ये सभी महिला और पुरुष केवल प्रिय नेता की भूमिका का बढ़ा-चढ़ाकर दिखाने के लिए हैं.

मोदी मंत्रिमंडल: मंडाविया को स्वास्थ्य, अनुराग ठाकुर को सूचना और वैष्णव को रेल व आईटी का ज़िम्मा

पिछले साल भाजपा में शामिल हुए ज्योतिरादित्य सिंधिया को नागरिक उड्डयन मंत्री बनाया गया है. शिक्षा मंत्रालय का नेतृत्व धर्मेंद्र प्रधान करेंगे. उत्तर प्रदेश से सबसे अधिक सात मंत्रियों को मंत्रिमंडल में जगह दी गई है, जिनमें से अधिकांश आरक्षित जाति समुदाय से आते हैं. उत्तर प्रदेश में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं.

मोदी मंत्रिमंडल में बदलाव से क्या बदलेगी तस्वीर?

वीडियो: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मंत्रिमंडल में 36 नए चेहरों को शामिल किया गया है, जबकि सात वर्तमान केंद्रीय राज्य मंत्रियों को पदोन्नत कर इसमें शामिल किया गया है. कैबिनेट मंत्री के रूप में नारायण राणे, सर्बानंद सोनोवाल, ज्योतिरादित्य सिंधिया आदि ने शपथ ली है.

केंद्रीय मंत्रिपरिषद में फ़ेरबदल और विस्तार; 43 सदस्यों को राष्ट्रपति ने दिलाई शपथ

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मंत्रिमंडल में 36 नए चेहरों को शामिल किया गया है, जबकि सात वर्तमान केंद्रीय राज्य मंत्रियों को पदोन्नत कर इसमें शामिल किया गया है. कैबिनेट मंत्री के रूप में नारायण राणे, सर्बानंद सोनोवाल, ज्योतिरादित्य सिंधिया आदि ने शपथ ली है. इससे पहले रमेश पोखरियाल निशंक, हर्षवर्द्धन, सदानंद गौड़ा, रविशंकर प्रसाद, प्रकाश जावड़ेकर, संतोष गंगवार सहित 12 मंत्रियों ने इस्तीफ़ा दे दिया था.

कोविड संकट: जब सोशल मीडिया पर लोग मदद मांग रहे थे, तब केंद्रीय मंत्री सरकार के गुणगान में लगे थे

दैनिक भास्कर ने नरेंद्र मोदी सरकार के कैबिनेट के दस मंत्रियों के ग्यारह सौ से अधिक ट्वीट्स का विश्लेषण किया है, जिसके अनुसार कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के दौरान इन मंत्रियों ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल के ज़रिये एक भी कोविड पीड़ित को ऑक्सीजन सिलेंडर या अस्पताल बेड दिलाने में मदद नहीं की.

अमित शाह के दावे के उलट गृह मंत्रालय ने कहा- बंगाल में बम बनाने की फैक्ट्री की कोई जानकारी नहीं

अक्टूबर 2020 में एक टेलीविजन इंटरव्यू में गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था कि पश्चिम बंगाल के हर ज़िले में बम बनाने वाली फैक्ट्रियां हैं. एक आरटीआई आवेदन के जवाब में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 3 मार्च 2021 को बताया कि उसके पास ऐसी कोई जानकारी नहीं है.

नरेंद्र मोदी स्टेडियम: आज़ादी के नायकों की जगह लेते ‘नए इंडिया’ के नेता

मोटेरा स्टेडियम का नाम बदलना दुनिया के इतिहास में- ख़ासकर उपनिवेशवाद के ख़िलाफ़ संघर्ष कर आज़ाद हुए मुल्कों में, ऐसा पहला उदाहरण है, जहां किसी स्वाधीनता सेनानी का नाम मिटाकर एक ऐसे सियासतदां का नाम लगाया गया हो, जिसका उसमें कोई भी योगदान नहीं रहा.

गुजरात: स्वतंत्र मीडिया फोटोग्राफरों को भारत-इंग्लैंड टेस्ट मैच की कवरेज से रोका गया

इस फैसले का विरोध करते हुए अंतरराष्ट्रीय एजेंसी एसोसिएट प्रेस ने इस दौरे की कवरेज न करने का निर्णय लिया है. एजेंसी ने कहा कि आधे से भी कम दर्शकों को प्रवेश की अनुमति देने के बावजूद स्वतंत्र मीडिया के एक या दो फोटोग्राफरों को प्रवेश की अनुमति न देते हुए कहा गया कि आयोजकों द्वारा दी तस्वीरों का इस्तेमाल करें.

गुजरात: नरेंद्र मोदी के नाम हुआ मोटेरा स्टेडियम, विपक्ष ने बताया सरदार पटेल का अपमान

गुजरात स्थित दुनिया के सबसे बड़े और अत्याधिक मोटेरा क्रिकेट स्टेडियम का नाम सरदार पटेल के बजाय नरेंद्र मोदी स्टेडियम रख दिया गया है. इसमें एक लाख 32 हज़ार दर्शक बैठ सकते हैं. करीब 63 एकड़ से अधिक क्षेत्र में फैले इस स्टेडियम पर 800 करोड़ रुपये ख़र्च किए गए हैं.