बीते 23 मई को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बलात्कार के एक आरोपी द्वारा दायर ज़मानत याचिका पर सुनवाई करते हुए इस बात का पता लगाने का निर्देश दिया था कि पीड़ित महिला ‘मांगलिक’ है या नहीं. याचिका में आरोपी की ओर से कहा गया था कि वह महिला से शादी नहीं कर सकता, क्योंकि वह ‘मांगलिक’ है.
नेता कई तरह की गुप्त पूजा कराते हैं जिसका ख़र्च बीस-बीस लाख आता है. क्रिकेटर से लेकर सार्वजनिक जीवन का हर संभ्रांत प्रतीक अंधविश्वास का संरक्षक है, इसलिए सिरसा के डेरा समर्थकों को गंवारों की फौज न कहें.