जम्मू कश्मीर: सरकार के निर्णय पर जनता को प्रतिक्रिया देने का अधिकार है

वीडियो: केंद्र सरकार द्वारा जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म करने और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेश के बाद लगी पाबंदियों पर सवाल उठाते हुए आईएएस अधिकारी कन्नन गोपीनाथन ने इस्तीफ़ा दे दिया है. उनसे मीनाक्षी तिवारी की बातचीत.

आईएएस अधिकारी ने दिया इस्तीफ़ा, कहा- जम्मू कश्मीर में अघोषित आपातकाल

केरल कैडर के आईएएस अधिकारी कन्नन गोपीनाथन ने कहा कि आज से बीस साल बाद अगर लोग मुझसे पूछेंगे कि जब देश के एक हिस्से में आभासी आपातकाल लगा दिया गया था तब आप क्या कर रहे थे तब कम से कम मैं यह कह सकूंगा कि मैंने आईएएस से इस्तीफ़ा दे दिया था.

मोदी सरकार के 89 सचिवों में सिर्फ एक एससी और तीन एसटी, एक भी ओबीसी नहीं

लोकसभा में सरकार द्वारा पेश किए गए आंकडों के मुताबिक केंद्र सरकार के मंत्रालयों में कुल 93 अतिरिक्त सचिव हैं, लेकिन इसमें से सिर्फ छह एससी और पांच एसटी हैं. वहीं एक भी अतिरिक्त सचिव ओबीसी समुदाय से नहीं है.

उप-सचिव, निदेशक स्तर के 400 पदों पर निजी क्षेत्र के विशेषज्ञों की भर्ती करेगी मोदी सरकार

मोदी सरकार ने यह फैसला इस साल अप्रैल में निजी क्षेत्रों के नौ विशेषज्ञों को केंद्र सरकार के विभिन्न विभागों में संयुक्त सचिव के पदों पर तैनाती के लिए चुनने के बाद किया है.

लैटरल एंट्री: सरकारी विभागों में संयुक्त सचिव बने निजी क्षेत्र के नौ अधिकारी

आमतौर पर यूपीएससी द्वारा आयोजित की जाने वाली आईएएस, आईएफएस या अन्य केंद्रीय सेवाओं की परीक्षा में चयनित अधिकारियों को करिअर में लंबा अनुभव हासिल करने के बाद संयुक्त सचिव के पद पर तैनात किया जाता है.

जम्मू कश्मीरः पूर्व आईएएस अधिकारी शाह फैसल ने बनाई नई पार्टी, शेहला राशिद भी शामिल

पूर्व आईएएस अधिकारी शाह फैसल ने कश्मीर में लगातार हो रही हत्याओं और भारतीय मुसलमानों के हाशिये पर होने का आरोप लगाते हुए जनवरी में पद से इस्तीफ़ा दे दिया था.

संयुक्त सचिव स्तर पर लैटरल एंट्री: निजी क्षेत्र से मिले 6,000 आवेदन, 89 छांटे गए

कार्मिक मंत्रालय ने पिछले साल जून में लैटरल एंट्री तरीके से संयुक्त सचिव स्तर के पदों पर नियुक्ति के लिए विभिन्न क्षेत्रों में विशेषज्ञता रखने वाले निजी क्षेत्र के लोगों से आवेदन मांगे थे.

मकान मालिकों द्वारा दुर्व्यवहार और मारपीट के बाद दिल्ली के मुखर्जी नगर में सड़क पर उतरे छात्र

युवा साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित लेखक नीलोत्पल मृणाल की कथित तौर पर पुलिस ने की पिटाई. अभिनेता पंकज त्रिपाठी ने पढ़ने-लिखने का बेहतर माहौल बनाने की अपील की. छात्रों का आरोप है कि इतना किराया देने के बावजूद न तो उन्हें सुविधाएं दी जाती हैं और न ही ठीक व्यवहार किया जाता है.

देश में आईएएस के 1449 और आईपीएस के 970 पद खाली: केंद्र सरकार

केंद्रीय राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि एक जनवरी 2018 की स्थिति के अनुसार आईएएस श्रेणी में कुल स्वीकृत पदों की संख्या 6553 है जबकि आईपीएस श्रेणी में यह संख्या 4940 है.

क्या सिविल सेवा में लैटरल एंट्री की पहल ही पेशेवरों की कमी ख़त्म करने का सबसे बेहतर तरीका है?

ज़्यादातर वरिष्ठ नौकरशाहों का कहना है कि नरेंद्र मोदी सरकार को लैटरल एंट्री के संबंध में और ज़्यादा स्पष्टीकरण देने की ज़रूरत है.

मंत्रालयों-विभागों में ‘लैटरल एंट्री’ संस्थाओं के भगवाकरण का प्रयास: वीरप्पा मोइली

प्रशासनिक सुधार आयोग के पूर्व अध्यक्ष और पूर्व केंद्रीय मंत्री वीरप्पा मोइली ने कहा कि यह जल्दबाज़ी में उठाया गया कदम है. मोदी सरकार की घोषणा में पारदर्शिता की कमी है. उसने लैटरल एंट्री की घोषणा की लेकिन कोई नीति पेश नहीं की.

आईएएस लैटरल एंट्री: असली सवाल तो सरकार की नीयत का है

लैटरल एंट्री को लेकर उठ रहे असुविधाजनक सवालों पर सरकार ने जो रुख अपना रखा है, उससे अभी से लगने लगा है कि यह व्यवस्था इतनी पारदर्शी नहीं होने जा रही कि इससे संबंधी सरकार की नीति और नीयत को सवालों से परे माना जा सके.

आईएएस लैटरल एंट्री: नौकरशाही में बदलाव के नाम पर मोदी सरकार का नया स्टंट

संयुक्त सचिव स्तर के दस पेशेवर लोगों को सरकार में शामिल करने का ख़्याल सरकार के आख़िरी साल में क्यों आया जबकि इस तरह के सुझाव पहले की कई कमेटियों की रिपोर्ट में दर्ज हैं.

सिविल सेवा: पीएमओ के प्रस्ताव के पीछे ‘वफ़ादार’ नौकरशाही तैयार करने की मंशा छिपी है

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यालय की नई पहल कामयाब होती है तो संघ लोक सेवा आयोग द्वारा कराई जाने वाली सिविल सेवा परीक्षा में अच्छा प्रदर्शन करना ही आपकी पसंद की अखिल भारतीय सेवा में दाखिल होने के लिए काफी नहीं रह जाएगा.

गुजरात के ‘मोदीफाइड’ नौकरशाहों की फ़ौज देश चला रही है

देश के उच्च संस्थानों के प्रमुख पदों पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने चहेते नौकरशाहों को जगह दी हुई है और गुजरात के इन 'मोदीफाइड' अफ़सरों को केंद्र में लाने के लिए अक्सर नियमों को ताक पर रखा गया है.