मणिपुर के इंफाल पश्चिम ज़िले में दो सशस्त्र समूहों के बीच हुई गोलीबारी में तीन लोगों की मौत और चार अन्य के घायल होने की सूचना है. इसके अलावा सेरौ में सुरक्षा बलों और उग्रवादियों के बीच गोलीबारी में एक बीएसएफ जवान की मौत हो गई. इस बीच सरकार ने इंटरनेट सेवाओं पर प्रतिबंध 10 जून तक बढ़ा दिया है.
गौहाटी हाईकोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस अजय लांबा की अगुवाई वाली समिति में सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी हिमांशु शेखर और सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी आलोक प्रभाकर शामिल हैं. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कहा है कि समिति को इसकी पहली बैठक की तारीख़ से छह महीने के भीतर रिपोर्ट देनी है.
मणिपुर पुलिस ने शनिवार को बताया कि बीते 2 जून को कांगपोकपी ज़िले की सीमा से सटे इंफाल पूर्व के फायेंग इलाके में भारी गोलीबारी हुई. गोलीबारी सुबह से शुरू होकर देर शाम तक जारी रही. घायल होने वालों में ज़्यादातर घाटी इलाकों के हैं. एक व्यक्ति की हालत गंभीर बताई जा रही है.
मणिपुर में शुरुआती हिंसा के समय 1,000 हथियार और 10,000 से अधिक गोलियां आदि लूटे गए थे. बीते हफ्ते जब दोबारा हिंसा हुई, तो इससे तीन गुना अधिक लूट देखी गई. ख़बरों के अनुसार, पुलिस और राज्य के शस्त्रागार से अब तक 'लूटे गए' हथियारों की कुल संख्या 4,000 से अधिक है.
वीडियो: मई महीने की शुरुआत में हुई हिंसा के बाद मणिपुर में हज़ारों लोग विस्थापित हुए हैं, सैकड़ों को अपना घर छोड़ना पड़ा. ऐसे हालात में चूड़ाचांदपुर की एक चर्च विस्थापित हुए कुकी समुदाय लोगों की पनाह बनी है, जहां हिंसा से प्रभावित हुए करीब तीन सौ लोग रह रहे हैं.
इस बीच केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने घोषणा की है कि सेवानिवृत्त मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली एक समिति मणिपुर में 3 मई से शुरू हुई जातीय हिंसा की जांच करेगी. उन्होंने कहा कि हिंसा में साज़िश से जुड़े छह मामलों की जांच सीबीआई करेगी.
बीते 29 मई से केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह मणिपुर में हैं उन्होंने बुधवार को लगभग एक महीने से जारी हिंसा को समाप्त करने के लिए मेईतेई और कुकी समुदायों के नेताओं के साथ बैठक की.
वीडियो: बीते बुधवार को दिल्ली के जंतर मंतर पर मणिपुर में हुई जातीय हिंसा के विरोध में ‘ट्राइबल सॉलीडैरिटी प्रोटेस्ट’ का आयोजन किया गया. इस दौरान बड़ी संख्या में आदिवासी समुदाय के लोग मौजूद रहे और एन. बीरेन सिंह के नेतृत्व वाली राज्य की भाजपा सरकार को हटाने की मांग की है.
मणिपुर के अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता खिलाड़ियों ने कहा है कि अगर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह मणिपुर की अखंडता की सुरक्षा के बारे में आश्वासन नहीं देते हैं, तो हम भारत सरकार द्वारा दिए गए पुरस्कार लौटा देंगे. मांग पूरी नहीं हुई तो भविष्य में खिलाड़ी भारत का प्रतिनिधित्व नहीं करेंगे और न ही किसी को प्रशिक्षित करेंगे.
चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान ने कहा है कि मणिपुर में भड़की हिंसा का उग्रवाद से कोई लेना-देना नहीं है. यह मुख्य रूप से दो जातियों के बीच का संघर्ष है. वहीं, मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने कहा था कि राज्य में अशांति ‘समुदायों के बीच लड़ाई’ के कारण नहीं है.
वीडियो: मणिपुर में इस महीने की शुरुआत में हुई हिंसा के बाद बीते हफ्ते फिर हिंसा की घटनाएं देखने को मिलीं. इसके बाद सोमवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह राज्य के दौरे पर पहुंचे हैं. इस बीच, राज्य में कई जगह कर्फ्यू लगाया गया, किसी क्षेत्र से फायरिंग की आवाज़ें भी सुनने को मिलीं.
29 मई को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के दौरे से पहले मणिपुर के इंफाल में सड़क के बीचों-बीच टायर जलाए जाने और कुछ स्थानों पर रात में गोलियां चलने के साथ स्थिति तनावपूर्ण रही.
मणिपुर में 3 मई से हुई हिंसक झड़पों में 75 से अधिक लोग मारे गए हैं, लगभग 200 घायल हुए और क़रीब 40,000 लोग विस्थापित हुए हैं. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के दौरे से पहले हुई हालिया हिंसा में रविवार को अज्ञात बंदूकधारियों द्वारा की गई गोलीबारी में कम से कम छह नागरिकों और दो पुलिस कमांडो की मौत हुई है.
मणिपुर में हिंसक विरोध फिर तेज़ हो गया है, जहां 25 मई को भीड़ ने केंद्रीय विदेश और शिक्षा राज्यमंत्री आरके रंजन सिंह के पूर्वी इंफाल ज़िले के कोंगबा स्थित घर में घुसने की कोशिश की. उधर, मुख्यमंत्री ने बताया कि 38 संवेदनशील क्षेत्रों की पहचान की गई है जहां केंद्रीय और राज्य बलों के जवान संयुक्त रूप से काम करेंगे.
मणिपुर में हुईं हिंसक झड़पों पर अपने पहले सार्वजनिक बयान में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि छह साल से हम सब शांतिपूर्वक एक साथ आगे बढ़े हैं. एक भी बंद नहीं था, एक भी नाकाबंदी नहीं थी. एक अदालत के एक आदेश की वजह से जो विवाद हुआ है, उसे बातचीत और शांति से सुलझाएंगे.