उत्तर प्रदेश, हरियाणा और राजस्थान में भाजपा की सरकार है, लेकिन तीनों ही राज्यों में विपक्षी 'इंडिया गठबंधन' ने कड़ी टक्कर दी है.
निर्वाचन आयोग के नवीनतम आंकड़े बताते हैं कि बिहार की 40 सीटों पर एनडीए गठबंधन ने बढ़त बना रखी है. 'इंडिया' गठबंधन की ओर से आरजेडी 4, कांग्रेस 1 एवं वामदल दो सीटों पर आगे हैं.
लोकसभा चुनाव 2024 के साथ-साथ ओडिशा और आंध्र प्रदेश में विधानसभा चुनाव के नतीजे भी मंगलवार को घोषित किए जाएंगे.
एग्ज़िट पोल चुनाव के परिणाम नहीं बल्कि अनुमान होते हैं, जो सर्वे के दौरान मतदाताओं के पूछे गए सवालों के जवाब के आधार पर तैयार किए जाते हैं. हालांकि, पिछले सालों के अनुमान देखें, तो इनके आकलन को सटीक नहीं कहा जा सकता.
कुशीनगर संसदीय क्षेत्र काफ़ी समय से भाजपा का मज़बूत गढ़ है, जहां सफलता की चाह में सपा ने इस बार अजय सिंह उर्फ पिंटू सैंथवार को उतारा है. हालांकि, सपा को भाजपा की तरफ से दोबारा उतारे गए विजय दुबे से ज़्यादा चुनौती स्वामी प्रसाद मौर्य से मिल सकती है, जो इस बार अपने बूते अपनी नई पार्टी को खड़ा करने का प्रयास कर रहे हैं.
मुख्यमंत्री का गृह-ज़िला होने की वजह से चौराहों, पार्कों, ताल व नदी घाटों का सौंदर्यीकरण हुआ है. लगभग हर सड़क फोर लेन हो रही है. पूरे शहर का दृश्य बदलता दिख रहा है. लेकिन इन निर्माण कार्यों के कारण बड़े पैमाने पर विस्थापन हुआ है और विस्थापित हुए लोगों की पीड़ा को सुनने वाला कोई नहीं है.
उत्तर प्रदेश की राजनीति में सपा का ‘पीडीए’ आज उसी तरह केंद्र में है, जैसे कभी बसपा की ‘सोशल इंजीनियरिंग’ हुआ करती थी. सभी जातियों को एक साथ लाने की सपा की रणनीति लोकसभा चुनाव को नया समीकरण देती दिख रही है.
बाहुबली धनंजय सिंह और उनकी पत्नी द्वारा नाटकीय ढंग से भाजपा को समर्थन और दो पुराने नेताओं की लड़ाई ने जौनपुर चुनाव को दिलचस्प बना दिया है.
जीबी रोड की ज़्यादातर सेक्स वर्कर्स के लिए लोकसभा चुनाव और उसके नतीज़े के कोई मायने नहीं है. उनका कहना है कि सरकार ने उनके लिए सालों से कुछ नहीं किया, इसलिए अब उम्मीद भी नहीं है. यह इलाका चांदनी चौक संसदीय क्षेत्र में आता है, जहां इस बार मुक़ाबला 'इंडिया' गठबंधन से उतरे कांग्रेस के जेपी अग्रवाल और भाजपा के प्रवीण खंडेलवाल के बीच है.
उत्तर प्रदेश में राजनीतिक ताक़त हासिल करने के आकांक्षी जाति समूहों में अब एक नया नाम सैंथवार समुदाय का जुड़ गया है. सियासी भागीदारी को लेकर गोरखपुर मंडल में सक्रिय यह समुदाय भाजपा का समर्थक माना जाता था, लेकिन टिकट न मिलने पर अब असंतुष्ट है.
ग्राउंड रिपोर्ट: 2020 में दंगों की चपेट में रहे उत्तर पूर्वी दिल्ली संसदीय क्षेत्र के मतदाता बंटे हुए हैं. जहां एक तबका भाजपा का परंपरागत मतदाता है, वहीं कई लोग सांप्रदायिक राजनीति से इतर स्थानीय मुद्दों पर बात कर रहे हैं. यहां भाजपा के मनोज तिवारी और 'इंडिया' गठबंधन के कन्हैया कुमार के बीच मुक़ाबला है.
ऐसा कई चुनावों के बाद दिखाई दे रहा है कि विपक्षी गठबंधन के मुद्दे आम लोगों तक पहुंचे हैं और उनका असर भी पड़ रहा है.
कहा जाता है कि कांग्रेस में प्रत्याशी चुनाव लड़ता है, भाजपा में संगठन यह जिम्मेदारी संभालता है. इस बार भाजपा और संघ के कार्यकर्ताओं में उत्साह कम दिखाई दे रहा है.
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा है कि हम ईडी, सीबीआई, आयकर विभाग और केंद्रीय सतर्कता आयोग द्वारा विपक्षी नेताओं के ख़िलाफ़ दर्ज किए गए मामलों को वापस लेंगे क्योंकि ये मामले क़ानूनी कार्रवाई के परिणामस्वरूप दर्ज नहीं किए गए हैं, बल्कि उत्पीड़ित करने के इरादे या चुनावों को बाधित करने के लिए लगाए गए हैं.
गुजरात की सूरत लोकसभा सीट पर भाजपा उम्मीदवार के निर्विरोध चुने जाने के कुछ दिनों बाद मध्य प्रदेश के इंदौर में कांग्रेस उम्मीदवार ने अपना नामांकन वापस ले लिया और कुछ ही घंटों में भाजपा में शामिल हो गए. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी का कहना है कि भाजपा के राजनीतिक माफिया ने इंदौर के 20 लाख मतदाताओं को वोट देने के अधिकार से वंचित कर लोकतंत्र की हत्या की है.