केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने चीन के साथ व्यापार को लेकर पूछे गए एक सवाल के जवाब में कहा है कि हम कहीं भी किसी भी कंपनी के साथ व्यापार करने के लिए तैयार हैं, जब तक वे निवेश कर रहे हैं और वैध तरीके से अपना कारोबार कर रहे हैं.
पूर्वी लद्दाख में चीनी सेना से टकराव के बाद भारत ने अप्रैल 2020 में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश संबंधी नीति में परिवर्तन किए थे और भारत के साथ ज़मीनी सीमा साझा करने वाले देशों से आने वाले प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के लिए सरकारी मंजू़री को अनिवार्य कर दिया था. अब सूचना के अधिकार से सामने आया है कि बीते दो सालों में सरकार ने क़रीब 80 चीनी एफडीआई प्रस्तावों को स्वीकृति दे दी है.
यदि चीन के सामने पूर्ण समर्पण को रोकना है, तो सबसे पहले भारत को एक मज़बूत औद्योगिक नीति लानी होगी.