भारत और चीन के बीच व्यापार प्रतिबंध लगाने से सबसे ज़्यादा नुकसान मध्यम और निम्न आय वर्ग वालों को ही झेलना पड़ेगा. भारत में चीन के बने सामानों की मांग इसलिए ज़्यादा है, क्योंकि अन्य देशों के उत्पादों की तुलना में ये सस्ते और भारत की बड़ी आबादी की आय क्षमता के अनुकूल रहते हैं.
मुख्य विपक्षी दल के सवाल करने को उसकी क्षुद्रता बताया जा रहा है. 20 सैनिकों के मारे जाने के बाद कहा गया कि बिहार रेजीमेंट के जवानों ने शहादत दी, यह बिहार के लोगों के लिए गर्व की बात है. अन्य राज्यों के जवान भी मारे गए, उनका नाम अलग से क्यों नहीं? सिर्फ बिहार का नाम क्यों? क्या यह क्षुद्रता नहीं?
लद्दाख की गलवान घाटी में भारत और चीन के जवानों के बीच हिंसक झड़प में 20 भारतीय सैनिकों के शहीद होने पर दोनों देशों के बीच तल्ख़ी आ गई है. भारत में इसे लेकर राजनीतिक बयानबाज़ी भी तेज़ हो गई है.
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह द्वारा शीर्ष सैन्य अधिकारियों के साथ पूर्वी लद्दाख में स्थिति की समीक्षा किए जाने के बाद सूत्रों ने कहा है कि सेना के ज़मीनी कमांडरों को असाधारण परिस्थितियों में हथियार के इस्तेमाल की अनुमति दे दी गई है.
भारत-चीन सीमा पर चल रहे गतिरोध पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कहा था कि भारतीय सीमा में न कोई घुसा है, न किसी पोस्ट को क़ब्ज़े में लिया गया है. इस पर सवाल उठने के बाद पीएमओ ने स्पष्टीकरण जारी कर कहा है कि प्रधानमंत्री की टिप्पणियों की 'शरारतपूर्ण व्याख्या' की कोशिश की जा रही है.
चीनी विदेश मंत्रालय ने बीते शुक्रवार अपना दावा दोहराया था कि गलवान घाटी वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चीन की ओर है. इस पर भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि चीन का दावा ख़ुद उनके द्वारा अतीत में अपनाए गए रुख के अनुरूप नहीं है.
पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा ने भारत-चीन गतिरोध को लेकर दिए जा रहे बयानों पर कहा कि यह समय भड़काऊ भाषा तथा बदला लेने का नहीं है. अनुचित बयानबाज़ी से भारतीय सैनिकों तथा राजनयिक स्टाफ के जीवन के लिए जोखिम पैदा होगा.
चीन की सेना पीपुल्स लिबरेशन आर्मी द्वारा पहली बार गलवान घाटी पर दावा जताने के बाद 16 जून को भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा था चीनी पक्ष गलवान घाटी में वास्तविक नियंत्रण रेखा को लेकर बनी सहमति के ख़िलाफ़ गया है.
भारत-चीन सीमा पर 20 भारतीय सैनिकों के शहीद होने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को बुलाई सर्वदलीय बैठक में कहा कि भारतीय सीमा में न कोई घुसा था न किसी पोस्ट को कब्ज़े में लिया गया था. उनके बयान पर विपक्ष ने सवाल उठाए हैं.
लद्दाख में भारत-चीन सीमा पर हुई हिंसक झड़प के बाद चीन द्वारा कुछ भारतीय सैनिकों को बंधक बनाने की बात सामने आई थी, लेकिन सेना ने किसी भी सैनिक के लापता होने से इनकार किया था. द हिंदू की रिपोर्ट के अनुसार चीन ने गुरुवार शाम को एक लेफ्टिनेंट कर्नल और तीन मेजर समेत 10 सैन्यकर्मियों को रिहा किया है.
वीडियो: भारतीय सेना ने कहा है कि बीते 15 जून की रात को गलवान इलाके में चीनी सैनिकों के साथ हुई हिंसक झड़प में 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए. इस मुद्दे पर राज्यसभा सांसद मनोज झा और कांग्रेस प्रवक्ता प्रोफेसर गौरव वल्लभ से आरफ़ा ख़ानम शेरवानी की बातचीत.
वीडियो: भारत और चीन के बीच आख़िर लद्दाख बॉर्डर पर क्या चल रहा है? क्या बातचीत से इस समस्या का समाधान निकल पाएगा. इस मुद्दे पर पूर्व विदेश मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सलमान ख़ुर्शीद से द वायर की सीनियर एडिटर आरफ़ा ख़ानम शेरवानी की बातचीत.
लद्दाख की गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ हिंसक टकराव में 20 भारतीय जवानों के शहीद होने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि मैं देश को भरोसा दिलाना चाहता हूं कि जवानों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा. हमारे लिए भारत की अखंडता और संप्रभुता सर्वोच्च है.
भारत ने गलवान को हमेशा से उस क्षेत्र के बतौर देखा है, जहां लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल को लेकर कोई विवाद ही नहीं रहा.
वर्ष 1967 में सिक्किम के नाथू ला में झड़प के बाद दोनों सेनाओं के बीच यह सबसे बड़ा टकराव है. उस टकराव में भारत के 80 सैनिक शहीद हुए थे और 300 से ज़्यादा चीनी सैन्यकर्मी मारे गए थे.