चीन के सीमा शुल्क विभाग के शुक्रवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, भारत-चीन व्यापार 2022 में 8.4 प्रतिशत बढ़कर 135.98 अरब अमेरिकी डॉलर हो गया. इससे पिछले साल यह आंकड़ा 125 अरब डॉलर था. दोनों देशों के बीच सीमा पर तनाव के बावजूद द्विपक्षीय व्यापार लगातार बढ़ रहा है.
भारत और चीन के विशेष प्रतिनिधियों के साथ बातचीत के बाद जो सरकारी बयान जारी किया गया है, उसमें काफी अंतर है. भारत ने वास्तविक नियंत्रण रेखा पर यथास्थिति बनाए रखने का ज़ोर दिया है, जबकि चीन ने सीमा को लेकर कोई बात नहीं की और फिर से दावा किया कि गलवान घाटी उनकी सीमा में है.
वीडियो: सीमा पर जारी गतिरोध के बीच चीन से सभी व्यापार बंद करने और वहां से आने वाले सामानों पर प्रतिबंध लगाने की मांग हो रही है. इस मुद्दे पर अर्थशास्त्री और अंतरराष्ट्रीय व्यापार नीति के विशेषज्ञ अरविंद पनगढ़िया से द वायर के कबीर अग्रवाल की बातचीत.
भारत और चीन सीमा विवाद के बीच कुछ भारतीय व्यापार संगठनों न सिर्फ़ चीन से आयातित सामानों को मंज़ूरी दिए जाने में देरी की शिकायत कर रहे हैं बल्कि निर्यात किए जाने वाले सामानों को चीन में भी मंज़ूरी न मिलने की बात कह रहे हैं. भारतीय निर्यात संगठनों के संघ ने वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय को पत्र लिखकर मामले में हस्तक्षेप करने की मांग की है.
भारत और चीन के बीच व्यापार प्रतिबंध लगाने से सबसे ज़्यादा नुकसान मध्यम और निम्न आय वर्ग वालों को ही झेलना पड़ेगा. भारत में चीन के बने सामानों की मांग इसलिए ज़्यादा है, क्योंकि अन्य देशों के उत्पादों की तुलना में ये सस्ते और भारत की बड़ी आबादी की आय क्षमता के अनुकूल रहते हैं.