सीमा पर तनाव के बीच भारत-चीन व्यापार में रिकॉर्ड बढ़ोतरी

चीन के सीमा शुल्क विभाग के शुक्रवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, भारत-चीन व्यापार 2022 में 8.4 प्रतिशत बढ़कर 135.98 अरब अमेरिकी डॉलर हो गया. इससे पिछले साल यह आंकड़ा 125 अरब डॉलर था. दोनों देशों के बीच सीमा पर तनाव के बावजूद द्विपक्षीय व्यापार लगातार बढ़ रहा है.

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Xi'an : Prime Minister Narendra Modi shakes hands with Chinese President Xi Jinping during a meeting in Xi'an, Shaanxi Province, China on Thursday. PTI Photo by Shahbaz Khan (PTI5_14_2015_000156B) *** Local Caption ***

चीन के सीमा शुल्क विभाग के शुक्रवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, भारत-चीन व्यापार 2022 में 8.4 प्रतिशत बढ़कर 135.98 अरब अमेरिकी डॉलर हो गया. इससे पिछले साल यह आंकड़ा 125 अरब डॉलर था. दोनों देशों के बीच सीमा पर तनाव के बावजूद द्विपक्षीय व्यापार लगातार बढ़ रहा है.

(फाइल फोटो: पीटीआई)

बीजिंग: भारत और चीन के बीच व्यापार 2022 में बढ़कर 135.98 अरब डॉलर के अब तक के उच्च स्तर पर पहुंच गया. इसके साथ ही भारत का चीन के साथ व्यापार घाटा बढ़कर 100 अरब डॉलर के पार हो गया.

चीन के सीमा शुल्क विभाग के शुक्रवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, भारत-चीन व्यापार 2022 में 8.4 प्रतिशत बढ़कर 135.98 अरब अमेरिकी डॉलर हो गया. इससे पिछले साल यह आंकड़ा 125 अरब डॉलर था.

भारत में चीन का निर्यात सालाना आधार पर 21.7 प्रतिशत बढ़कर 118.5 अरब अमेरिकी डॉलर रहा.

दूसरी तरफ, 2022 में भारत से चीन को निर्यात सालाना आधार पर 37.9 प्रतिशत घटकर 17.48 अरब अमेरिकी डॉलर रह गया. पिछले साल यह 28.1 अरब डॉलर था.

इससे भारत के लिए व्यापार घाटा 101.02 अरब डॉलर रहा और यह 2021 के 69.38 अरब डॉलर के आंकड़े को पार कर गया.

व्यापार घाटा पहली बार 100 अरब डॉलर के पार गया है और भारत लगातार इस पर गंभीरता से चिंता जाहिर करता आया है.

इससे पहले 2021 में चीन के साथ भारत का व्यापार सालाना आधार पर 43.32 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 125.62 अरब डॉलर पर रहा था. उस साल दोनों देशों के बीच व्यापार पहली बार 100 अरब डॉलर के पार गया था. उस साल व्यापार घाटा 69.56 अरब डॉलर रहा था, जब चीन से भारत में आयात 46.14 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 97.59 अरब डॉलर पर पहुंच गया था.

भारत का चीन को निर्यात 2021 में सालाना आधार पर 34.28 प्रतिशत बढ़कर 28.03 अरब डॉलर रहा था.

गौरतलब है कि दोनों देशों के बीच सीमा पर तनाव के बावजूद द्विपक्षीय व्यापार लगातार बढ़ रहा है. दोनों देशों के बीच मई 2020 में पूर्वी लद्दाख में झड़प हुई थी, दिसंबर 2022 में तवांग में एलएसी के पूर्वी क्षेत्र में एक और हाथापाई की सूचना मिली थी.

जबकि, विदेश मंत्री जयशंकर ने हाल ही में संसद को बताया था कि चीन के साथ भारत के संबंध तब तक ‘सामान्य नहीं हो सकते‘ जब तक कि बीजिंग वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) को ‘एकतरफा रूप से बदलने’ की कोशिश करता है और सीमा पर सेना की तैनाती में वृद्धि करता है.

बीजिंग में भारतीय दूतावास की वेबसाइट पर पोस्ट किए गए व्यापार पर एक संक्षिप्त विवरण के अनुसार, ‘इस सदी की शुरुआत के बाद से भारत-चीन द्विपक्षीय व्यापार के तेजी से विस्तार ने चीन को 2008 तक भारत के सबसे बड़े माल व्यापार भागीदार के रूप में उभारा है.’

इसमें कहा गया, ‘पिछले दशक की शुरुआत के बाद से, दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार में तेज वृद्धि दर्ज की गई. 2015 से 2021 तक, भारत-चीन द्विपक्षीय व्यापार में 75.30 फीसदी की वृद्धि हुई, जो 12.55 फीसदी की औसत वार्षिक वृद्धि है.’

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

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