भारत ने पेगासस में दिखाई थी ख़ास दिलचस्पी, कई सालों के क़रार के लिए करोड़ों ख़र्चे

द न्यूयॉर्क टाइम्स के लिए काम करने वाले इज़रायल के खोजी पत्रकार रॉनेन बर्गमैन ने द वायर से बातचीत में कहा कि भारत के साथ हुए सौदे की शर्तों के अनुसार यहां की ख़ुफ़िया एजेंसियां एक बार में पचास फोन को स्पायवेयर हमले का निशाना बना सकती थीं. 

पेगासस पर न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट का संज्ञान ले सुप्रीम कोर्ट की समिति: एडिटर्स गिल्ड

एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने शीर्ष अदालत द्वारा पेगासस मामले पर गठित समिति से द न्यूयॉर्क टाइम्स द्वारा भारत सरकार द्वारा पेगासस स्पायवेयर खरीदने के दावे पर सरकार से जवाब मांगने का आग्रह किया है. गिल्ड ने यह भी कहा कि समिति की कार्यवाही को बड़े पैमाने पर जनता के लिए खुला रखा जाए, ताकि गवाहों को बुलाए जाने और उनके जवाबों के संबंध में पूरी पारदर्शिता रहे.

पेगासस ख़रीद: सुप्रीम कोर्ट में नई याचिका दायर, 2017 के भारत-इज़रायल रक्षा सौदे की जांच की मांग

न्यूयॉर्क टाइम्स की एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि भारत ने इज़रायल के साथ 2017 में दो अरब अमेरिकी डॉलर के रक्षा सौदे के तहत पेगासस स्पायवेयर ख़रीदा था. इज़रायल की एनएसओ ग्रुप कंपनी यह मिलिट्री ग्रेड स्पायवेयर सिर्फ़ सरकारों को ही बेचती हैं. अभी तक न तो भारत सरकार और न ही इज़रायल ने यह स्वीकार किया है कि भारत ने पेगासस ख़रीदा था.