नरेंद्र मोदी अनुप्रास गढ़-गढ़कर कब तक ज़मीनी हक़ीक़त को झुठला सकते हैं?

नरेंद्र मोदी अपने भाषणों में अनुप्रासों की झड़ी लगाते रहे हैं- कभी चमत्कार पैदा करने, तो कभी अपनी ‘बौद्धिकता’ का लोहा मनवाने के लिए. हालांकि आगामी 23 जुलाई को उनकी तीसरी सरकार का पहला बजट आएगा तो इस ‘संकट’ से रूबरू होंगे कि ऐसा कौन-सा नया अनुप्रास गढ़ें और कैसे?

काठ की हांडियों पर टिकी भारतीय जम्हूरियत के लिए ब्रिटिश आम चुनाव के सबक

इंग्लैंड के नेता चुनाव हारने के सेवानिवृत्त हो जाते हैं, आख़िर भारतीय राजनीति कब बदलेगी कि जो हार जाए, वह विदा हो जाए और अपनी पार्टी के भीतर से नई प्रतिभाओं को मौका दे.

देश में बढ़ती बेरोजगारी का मुख्य कारण शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्र की उपेक्षा है: अमर्त्य सेन

नोबेल पुरस्कार से सम्मानित अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन ने कहा है कि यूरोप, जापान और चीन जैसे देशों को बेरोजगारी की समस्या का सामना इसलिए नहीं करना पड़ा क्योंकि उन्होंने शिक्षा और स्वास्थ्य सेवा पर ध्यान केंद्रित किया. एक शिक्षित और स्वस्थ व्यक्ति ख़ुद को नौकरी के योग्य बनाने के लिए अधिक प्रयास कर सकता है. भारत में शिक्षा और स्वास्थ्य व्यवस्था की स्थिति चिंता का विषय है.

नरेंद्र मोदी की तीसरी पारी में मुसलमानों पर हमलों का नया दौर शुरू

चुनाव परिणाम के बाद आपराधिक मामलों में तेजी आई है, लेकिन यह मानना गलत होगा कि चुनाव अभियान के दौरान हिंसा कम हुई थी. यह हिंसा भाषा और भाषणों के माध्यम से हुई, जिसे प्रधानमंत्री तथा भाजपा के अन्य बड़े नेता अंजाम दे रहे थे.

भारत में धर्मांतरण विरोधी क़ानून, तोड़फोड़ व हेट स्पीच में वृद्धि चिंताजनक: एंटनी ब्लिंकन

दुनिया भर में धार्मिक स्वतंत्रता के उल्लंघन के मामलों का उल्लेख करते हुए अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कहा कि उन्होंने भारत में धर्मांतरण विरोधी क़ानून, हेट स्पीच, अल्पसंख्यक धार्मिक समुदायों के लोगों के घरों और पूजा स्थलों को तोड़ने के मामलों में चिंताजनक वृद्धि को दर्ज किया है.

पन्नू हत्या साज़िश मामले में अमेरिका ने भारत से कह दिया है कि हमें जवाबदेही चाहिए: अमेरिकी मंत्री

अमेरिका ने कहा कि खालिस्तानी समर्थक गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की कथित साज़िश की जांच के लिए नई दिल्ली द्वारा गठित उच्च स्तरीय समिति से लगातार अपडेट मांगे हैं और इस मुद्दे को सीधे भारत सरकार के उच्चतम स्तर पर उठाया गया है.

भारत, इज़रायल को हथियार देकर करगिल युद्ध में मदद का एहसान उतार रहा है: पूर्व इज़रायली राजदूत

भारत में इज़रायल के पूर्व राजदूत डेनियल कार्मोन की टिप्पणी भारत ने इज़रायल को ड्रोन और तोप के गोले उपलब्ध कराने की अटकलों की पृष्ठभूमि में आई है. भारत सरकार ने अब तक इज़रायल को हथियारों की आपूर्ति करने की न तो पुष्टि की है और न ही इससे इनकार किया है.

राजनीति में नीति की शून्यता हमें बेचैन नहीं करती

कभी-कभार | अशोक वाजपेयी: हमारे सामाजिक आचरण की सारी मर्यादाएं तज दी गई हैं. देश की सर्वोच्च संवैधानिक संस्था संसद में ख़रीद-फ़रोख़्त का काम हो सकता है तो हम इसे राजनीतिक लेन-देन समझते हैं जो होता ही रहता है. हम ऐसा लोकतंत्र बनते जा रहे हैं जिसमें मर्यादा और नैतिक कर्म की जगह घट रही है.

पन्नू हत्या साज़िश: आरोपी निखिल गुप्ता को अमेरिका प्रत्यर्पित किया गया

भारतीय नागरिक निखिल गुप्ता पर खालिस्तानी समर्थक नेता गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की साज़िश रचने का आरोप है. चेक गणराज्य के न्याय मंत्रालय के प्रवक्ता ने बताया है कि अमेरिका को उनका प्रत्यर्पण शुक्रवार को प्राग-रूज़िने हवाई अड्डे पर किया गया.

नैयरा नूर: सरहदों को घुलाती आवाज़

नैयरा नूर की पैदाइश हिंदुस्तान की थी, पर आख़िरी सांसे उन्होंने पाकिस्तान में लीं. वे इन दोनों मुल्कों की साझी विरासत की उन गिनी चुनी कड़ियों में थी, जिन्हें दोनों ही देश के संगीत प्रेमियों ने तहे-दिल से प्यार दिया.

हिंदी साहित्य हिंदी समाज का राजनीतिक प्रतिपक्ष बन गया है: अशोक वाजपेयी

परंपरा पर जो दबाव हिंदी अंचल पर पड़े हैं, वे केरल या महाराष्ट्र में नहीं थे. वहां परंपरा अधिक सजीव रही है, सुरक्षित रही है और उसे आत्म विस्तार, आत्माविष्कार  का अवसर मिलता रहा. यहां बार-बार आक्रमण होते रहे हैं. इसलिए यहां की संस्कृति अस्थिर है. इसके जो दुष्परिणाम हैं, उनमें से एक है हिंदुत्व.

फ़िलिस्तीन के प्रधानमंत्री ने भारत से गाज़ा पर ‘दृढ़ रुख़’ अपनाने को कहा

भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को उनके तीसरे कार्यकाल के लिए भेजे गए बधाई संदेश में फ़िलिस्तीनी प्रधानमंत्री मोहम्मद मुस्तफ़ा ने लिखा है कि एक वैश्विक नेता और मानवाधिकारों तथा शांति को महत्व देने वाले राष्ट्र के रूप में भारत, गाज़ा में हो रहे नरसंहार को समाप्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है.

लद्दाख के डेपसांग मैदानों में इंफ्रास्ट्रक्चर निर्माण कर रहा है चीन: रिपोर्ट

केंद्रीय गृह मंत्रालय से जुड़े एक सुरक्षा अधिकारी का कहना है कि चीनी सेना डेपसांग मैदानों में भारत के दावे वाली सीमा में तेज़ी से अपनी इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं को बढ़ा रही है और इसने अन्य अतिक्रमण बिंदुओं पर अपनी सैन्य स्थिति मजबूत कर ली है.

करगिल युद्ध के 25 बरस: ‘इंटेलिजेंस की विफलता बनी भारतीय सैनिकों की मौत की वजह’

वीडियो: पच्चीस बरस बाद भी करगिल के प्रश्न मंडराते हैं. इतना बड़ा इंटेलिजेंस फेलियर कैसे हो गया? वायु सेना और थल सेना के बीच तालमेल देर क्यों हुई? बर्फीली पहाड़ियों पर हो रही लड़ाई लाइव मीडिया रिपोर्टिंग का स्टूडियो कैसे बन गई? करगिल युद्ध के समय उपमहानिदेशक रहे लेफ्टिनेंट जनरल (रिटा) एमसी भंडारी से आशुतोष भारद्वाज की बातचीत.

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