झारखंड विधानसभा चुनाव: हेमंत सोरेन सरकार की वापसी के संकेत

झारखंड में 'इंडिया' गठबंधन बहुमत का आंकड़ा पार करते हुए नज़र आ रही है. चुनाव आयोग के अनुसार, झामुमो 28, कांग्रेस 15, राजद 5 और सीपीआई (एमएल-एल) 2 सीटों पर आगे है.  वहीं एनडीए को 30 सीटों पर बढ़त हासिल है.  

झारखंड चुनाव: क्या हेमंत सोरेन वापस जनता का भरोसा पा सकेंगे?

राज्य की 81 विधानसभा सीटों के लिए दो चरणों में संपन्न हुए मतदान में  67.74 प्रतिशत वोटिंग दर्ज की गई. राज्य में इस बार मुख्य मुक़ाबला मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच बन गया है.

महाराष्ट्र परिणाम: क्या महाविकास अघाड़ी लोकसभा चुनाव की सफलता दोहरा पाएगी?

महाराष्ट्र में मुख्य मुकाबला भाजपा, शिवसेना (शिंदे गुट) और अजित पवार द्वारा गठित महायुति गठबंधन और महाविकास अघाड़ी (एमवीए) के बीच है, जिसमें उद्धव ठाकरे की शिवसेना (यूबीटी), कांग्रेस और एनसीपी (शरद पवार गुट) शामिल हैं.

महाराष्ट्र चुनाव में अडानी की एंट्री: विभाजित राजनीति से क्या उम्मीद की जाए

महाराष्ट्र देश का प्रमुख राज्य है. बंबई देश की वित्तीय राजधानी है. बुरी तरह से विभाजित राजनीति किस समाज का प्रतिनिधित्व करेगी और उसे क्या दिशा देगी, इसकी कल्पना की जा सकती है. 

अर्जक संघ: हिंदी पट्टी में 1968 से ब्राह्मणवाद से लड़ता नास्तिकों का एक संगठन

अर्जक संघ मानवतावाद, बुद्धिवाद, वैज्ञानिक सोच और सभी के लिए समान शिक्षा की वकालत करता है, ताकि समाज से जाति का भेदभाव खत्म हो जाए. संगठन का मानना है कि समाज की सभी बुराइयों की जड़ ‘शिक्षा की कमी’ और ‘पाखंड’ (धार्मिक पाखंड) है.

महाराष्ट्र में शिवाजी की मूर्ति का ढहना: ‘फुले ने शिवाजी को मराठा शूद्र सम्राट के रूप में स्थापित किया था’

महाराष्ट्र के समाज में शिवाजी की छवि का मात्र एक संस्करण मौजूद नहीं है. महाराष्ट्र के दलितों के लिए शिवाजी 'मराठा शूद्र सम्राट' है, न कि बाल गंगाधर द्वारा प्रचारित किए गए 'चितपावन मराठा नरेश'.

ऑस्ट्रेलिया टुडे के ब्लॉक करने के आरोप पर कनाडा का जवाब- कभी प्रतिबंधित नहीं किया

8 नवंबर को ऑस्ट्रेलिया टुडे ने उसके ब्लॉक किए गए फेसबुक पेज पर कथित प्रतिबंध के पीछे कनाडा सरकार का हाथ होने का आरोप लगाया था. अब कनाडा ने स्पष्ट किया है कि प्रतिबंध उसकी ओर से नहीं है, बल्कि मेटा द्वारा लगाया गया है.

कनाडा में सभी सिख खालिस्तान समर्थक नहीं हैं: जस्टिन ट्रूडो

कनाडा के प्रधानमंत्री ने कहा कि उनके देश में खालिस्तान के कई समर्थक हैं, लेकिन वे पूरे सिख समुदाय का प्रतिनिधित्व नहीं करते हैं. कनाडा में प्रधानमंत्री मोदी की सरकार के भी समर्थक हैं, लेकिन वे भी सभी हिंदू कनाडाई नागरिकों का प्रतिनिधित्व नहीं करते हैं.

विदेश मंत्रालय का कनाडा पर मीडिया संस्थान को ब्लॉक करने का आरोप, पर प्रतिबंध मेटा ने लगाया

भारतीय विदेश मंत्रालय और ऑस्ट्रेलिया के मीडिया संस्थान 'ऑस्ट्रेलिया टुडे' का दावा है कि भारतीय विदेश मंत्री के इंटरव्यू के बाद कनाडा में सरकार के आदेश पर उसका पेज ब्लॉक किया गया. हालांकि, मेटा ने अगस्त 2023 से ही कनाडाई यूज़र्स के न्यूज़ कंटेंट शेयर करने पर रोक लगाई हुई है.

बांग्लादेश के बारे में डोनाल्ड ट्रंप के दावे उनकी मौक़ापरस्ती का सबूत हैं

ट्रंप द्वारा बांग्लादेश को निशाना बनाना हिंदू-मुस्लिम के बीच की मौजूदा खाई को गहरा कर सकता है और दक्षिण एशियाई मूल के अमेरिकियों के बीच एक होने की भावना को मिटा सकता है.

भारत-चीन सीमा विवाद: लद्दाख के देपसांग और डेमचोक में सेना की ‘वेरिफिकेशन पेट्रोलिंग’ शुरू

भारतीय विदेश मंत्रालय का कहना है कि भारत ने लद्दाख के देपसांग और डेमचोक में ‘वेरिफिकेशन पेट्रोलिंग’ शुरू कर दी है. वेरिफिकेशन पेट्रोलिंग एक प्रक्रिया है जिसके तहत किसी क्षेत्र की निगरानी और निरीक्षण किया जाता है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वहां तय समझौते का पालन हो रहा है.

‘स्पीकिंग विद नेचर’ में दर्ज है भारतीय पर्यावरण आंदोलन के पुरोधाओं का इतिहास

वीडियो: इतिहासकार रामचंद्र गुहा की नई किताब 'स्पीकिंग विद नेचर' भारतीय पर्यावरणवाद के आरंभिक इतिहास को दर्ज करती है. द वायर हिंदी के संपादक आशुतोष भारद्वाज ने इस किताब को लेकर उनसे बातचीत की.

कनाडा में हुई हिंसा में अमित शाह की संलिप्तता के दावे को भारत ने ‘बेतुका’ और ‘निराधार’ बताया

भारत ने कनाडा के उप विदेश मंत्री के उस दावे को ‘बेतुका’ और ‘निराधार’ कहा है, जिसमें गृह मंत्री अमित शाह को कनाडाई नागरिकों की हत्या की साजिश में ‘शामिल’ बताया गया था. भारत ने कनाडा को चेतावनी दी है कि ऐसी गैर-ज़िम्मेदाराना कार्रवाइयों के द्विपक्षीय संबंधों पर गंभीर परिणाम होंगे.

वेनिस बिनाले: कला संसार का उत्सव ज़रूर मनाती है पर उसके त्रास को अनदेखा नहीं करती

कभी-कभार | अशोक वाजपेयी: वेनिस द्वैवार्षिकी की थीम थी- फॉरेनर्स एवरीवेयर. बहुत से देशों में आवश्यक कलात्मक स्वतंत्रता, सुविधाओं के अभाव के चलते कलाकार अजनबी देशों में भागकर बसते और कला सक्रिय होते हैं. ऐसी कला में अक्सर अवसाद का भाव भी होता है, मुक्ति के अलावा.