जन गण मन की बात की 58वीं कड़ी में विनोद दुआ फर्ज़ी ख़बरें और स्मार्ट सिटी परियोजना पर चर्चा कर रहे हैं.
पर्दे और पन्नों पर बार-बार उभरता रहा है- जंगलराज! लेकिन उत्तर प्रदेश में सरकार क्या बदली, मीडिया का वह ‘जंगलराज’ ग़ायब हो गया!
जन गण मन की बात की 57वीं कड़ी में विनोद दुआ हाशिमपुरा नरसंहार और स्वच्छ भारत अभियान की वर्तमान स्थिति पर चर्चा कर रहे हैं.
जन गण मन की बात की 56वीं कड़ी में विनोद दुआ भीम आर्मी और भारत की स्वास्थ्य सेवा पर चर्चा कर रहे हैं.
आंकड़े बताते हैं कि देश में मुसलमानों का राजनीतिक प्रतिनिधित्व बहुत तेज़ी से गिरता जा रहा है, जिसका मतलब होगा कि वह पूरी तरह से हाशिये पर चले जाएंगे.
संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट के अनुसार, देश में पिछले साल संघर्ष और हिंसा के चलते तकरीबन साढ़े चार लाख लोग विस्थापित हुए हैं.
जन गण मन की बात की 55वीं कड़ी में विनोद दुआ तीन तलाक़ और बेरोज़गारी के संकट पर चर्चा पर कर रहे हैं.
तीन बार बुकर पुरस्कार के लिए नामित और 17 से ज़्यादा किताबों की लेखक अनीता देसाई को हाल ही में इंटरनेशनल लिटरेरी ग्रैंड प्राइज़ से सम्मानित किया गया है.
जन गण मन की बात की 54वीं कड़ी में विनोद दुआ बैंकों द्वारा छोटे और मझोले उद्योगों को कर्ज़ देने से मना करने और सरकार द्वारा विपक्ष को घेरने की कोशिशों पर चर्चा कर रहे हैं.
भाजपा सांसद वरुण गांधी ने बड़े उद्योग घरानों की कर्ज़ माफी पर सवाल खड़ा किया और किसानों के आत्महत्या करने पर दुख जताया है.
जन गण मन की बात की 53वीं कड़ी में विनोद दुआ मोदी सरकार के तीन साल और आईटी क्षेत्र में हो रही छंटनी पर चर्चा कर रहे हैं.
निदा किरमानी मूल रूप से हिंदुस्तान और पाकिस्तान दोनों देशों से हैं. वे सोचती थीं कि क्यों कभी उन्हें इनमें से किसी एक को चुनना होगा? पर बीते दिनों उन्हें एक देश चुनने पर मजबूर होना पड़ा.
जन गण मन की बात की 52वीं कड़ी में विनोद दुआ चीन की महत्वाकांक्षी परियोजना ‘वन बेल्ट वन रोड’ और कांग्रेस युक्त भाजपा पर चर्चा कर रहे हैं.
‘इंडियाज इंदिरा: अ सेंटेनियल ट्रिब्यूट’ नाम की किताब का विमोचन करते हुए राष्ट्रपति ने देश की पहली महिला प्रधानमंत्री से जुड़े अनुभव साझा किए.
जन गण मन की बात की 51वीं कड़ी में विनोद दुआ विदेशी अंशदान नियमन अधिनियम (एफसीआरए) और हाल ही में उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में हुई हिंसा पर चर्चा कर रहे हैं.