एनसीईआरटी ने बारहवीं की किताब से गठबंधन की राजनीति से जुड़ा कार्टून हटाया

एनसीईआरटी ने कक्षा 12 की राजनीति विज्ञान की पाठ्यपुस्तक से देश में गठबंधन सरकार चला चुके प्रधानमंत्रियों को दिखाने वाले एक कार्टून को यह कहते हुए हटाया है कि यह भारत को नकारात्मक तरीके से दिखाता है.

क़ानून मंत्रालय कहेगा तो शेख़ हसीना को वापस लाने के प्रयास करेंगे: बांग्लादेश सरकार सलाहकार

बांग्लादेश की अंतरिम सरकार में विदेश मंत्री के समान कद रखने वाले मोहम्मद तौहीद हुसैन ने देश के लोगों से भारत को एक क़रीबी मित्र के रूप में देखने की भी अपील की है.

साउथ एशियन यूनिवर्सिटी विवाद: श्रीलंकाई प्रोफेसर ने अपने देश के राजदूत के रुख़ की निंदा की

साउथ एशियन यूनिवर्सिटी के एक छात्र के शोध प्रस्ताव में अमेरिकी भाषाविद् नोम चॉम्स्की द्वारा नरेंद्र मोदी की आलोचना का ज़िक्र था. इस पर छात्र को नोटिस मिला और उनके श्रीलंकाई मूल के सुपरवाइज़र, प्रोफेसर ससांक परेरा के ख़िलाफ़ जांच शुरू की गई, जिसके बाद उन्होंने इस्तीफ़ा दे दिया था.

लद्दाख ने कहा: पांच बरस बाद न प्रश्न मिटे, न पीड़ा

भारतीय संसद द्वारा पारित 'जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम, 2019' के तहत लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश बनाया गया था, विकास के तमाम दावे किए गए थे. क्या बीते पांच साल में लद्दाख की बयार बदली है?

शेख़ हसीना ने जो चुनावी बूथ पर नहीं होने दिया, वह सड़क पर होकर रहा

शेख़ हसीना के ख़िलाफ़ हुआ विद्रोह अपनी तार्किक परिणति पर तब तभी पहुंच सकता है जब वह छात्रों को सुनेगा: यह आंदोलन एक ऐसा समाज बनाने का आंदोलन है जिसमें किसी भी प्रकार का भेदभाव न होगा.

बांग्लादेश में तख्तापलट: भारत के लिए चुनौतियां

क्या बांग्लादेश की आर्थिक तरक्की के गुब्बारे में गैर-बराबरी की हवा थी या शेख हसीना का भारत समर्थक रवैया उन्हें ले डूबा? उनका राजनीतिक अवसान भारत के लिए चिंता का विषय क्यों है?

‘लद्दाख पर लद्दाखियों का शासन हो, 5 साल से कोई राजपत्रित भर्ती नहीं’: सांसद मोहम्मद हनीफा

लद्दाख के निर्दलीय सांसद मोहम्मद हनीफा का कहना है कि पिछले पांच वर्षों में शिक्षित युवा सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं, क्योंकि अनुच्छेद 370 और अनुच्छेद 35(ए) के तहत प्रदान किए गए संवैधानिक सुरक्षा उपाय अब मौजूद नहीं हैं.

अनजाने में इंसानों ने गिद्धों को विलुप्त किया और फिर इसकी क़ीमत अपनी मौतों से चुकाई

गिद्ध बहुत कुशल सफाईकर्मी के रूप में पर्यावरण स्वच्छ रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. किसान लंबे समय से पशुओं के सड़ते शवों का निपटारा करने के लिए उन पर निर्भर रहे हैं.

बाल विवाह निषेध क़ानून सभी के लिए लागू है, चाहे उनका धर्म कुछ भी हो: केरल हाईकोर्ट

केरल हाईकोर्ट ने एक नाबालिग मुस्लिम लड़की की बाल विवाह के ख़िलाफ़ दर्ज मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि कोई भी व्यक्ति पहले भारत का नागरिक है, उसके बाद ही उसका धर्म आता है. इसलिए बाल विवाह निषेध क़ानून सभी धर्मों पर लागू होता है.

भारत में अल्पसंख्यकों के साथ भेदभाव पर संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार समिति ने चिंता व्यक्त की

संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार समिति द्वारा व्यक्त की गईं चिंताओं में से एक यह है कि भारत के राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग को 2023 से राष्ट्रीय मानवाधिकार संस्थानों के वैश्विक गठबंधन ने 'ए' श्रेणी का दर्जा प्रदान नहीं किया है. इसका मतलब यह हुआ कि देश मानवाधिकार के क्षेत्र में अच्छा नहीं कर रहा है और इसलिए उसे शीर्ष दर्जा नहीं मिल रहा है.

नरेंद्र मोदी अनुप्रास गढ़-गढ़कर कब तक ज़मीनी हक़ीक़त को झुठला सकते हैं?

नरेंद्र मोदी अपने भाषणों में अनुप्रासों की झड़ी लगाते रहे हैं- कभी चमत्कार पैदा करने, तो कभी अपनी ‘बौद्धिकता’ का लोहा मनवाने के लिए. हालांकि आगामी 23 जुलाई को उनकी तीसरी सरकार का पहला बजट आएगा तो इस ‘संकट’ से रूबरू होंगे कि ऐसा कौन-सा नया अनुप्रास गढ़ें और कैसे?

काठ की हांडियों पर टिकी भारतीय जम्हूरियत के लिए ब्रिटिश आम चुनाव के सबक

इंग्लैंड के नेता चुनाव हारने के सेवानिवृत्त हो जाते हैं, आख़िर भारतीय राजनीति कब बदलेगी कि जो हार जाए, वह विदा हो जाए और अपनी पार्टी के भीतर से नई प्रतिभाओं को मौका दे.

देश में बढ़ती बेरोजगारी का मुख्य कारण शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्र की उपेक्षा है: अमर्त्य सेन

नोबेल पुरस्कार से सम्मानित अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन ने कहा है कि यूरोप, जापान और चीन जैसे देशों को बेरोजगारी की समस्या का सामना इसलिए नहीं करना पड़ा क्योंकि उन्होंने शिक्षा और स्वास्थ्य सेवा पर ध्यान केंद्रित किया. एक शिक्षित और स्वस्थ व्यक्ति ख़ुद को नौकरी के योग्य बनाने के लिए अधिक प्रयास कर सकता है. भारत में शिक्षा और स्वास्थ्य व्यवस्था की स्थिति चिंता का विषय है.

नरेंद्र मोदी की तीसरी पारी में मुसलमानों पर हमलों का नया दौर शुरू

चुनाव परिणाम के बाद आपराधिक मामलों में तेजी आई है, लेकिन यह मानना गलत होगा कि चुनाव अभियान के दौरान हिंसा कम हुई थी. यह हिंसा भाषा और भाषणों के माध्यम से हुई, जिसे प्रधानमंत्री तथा भाजपा के अन्य बड़े नेता अंजाम दे रहे थे.

भारत में धर्मांतरण विरोधी क़ानून, तोड़फोड़ व हेट स्पीच में वृद्धि चिंताजनक: एंटनी ब्लिंकन

दुनिया भर में धार्मिक स्वतंत्रता के उल्लंघन के मामलों का उल्लेख करते हुए अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कहा कि उन्होंने भारत में धर्मांतरण विरोधी क़ानून, हेट स्पीच, अल्पसंख्यक धार्मिक समुदायों के लोगों के घरों और पूजा स्थलों को तोड़ने के मामलों में चिंताजनक वृद्धि को दर्ज किया है.

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