रक्षा बजट में ‘आत्मनिर्भरता’ की बात करते हुए 68% राशि घरेलू उद्योगों को आवंटित

भारत का रक्षा बजट वित्तीय वर्ष 2021-22 में 4.78 करोड़ रुपये था. वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए इसे बढ़ाकर 5.25 लाख करोड़ रुपये कर दिया गया है.

भारतीय अर्थव्यवस्था में कुछ उजले पहलू हैं, लेकिन साथ में बहुत से काले धब्बे भी हैं: रघुराम राजन

भारतीय रिज़र्व बैंक के पूर्व गर्वनर ने कहा कि अर्थव्यवस्था के बारे में सबसे बड़ी चिंता मध्यम वर्ग, लघु एवं मझोले क्षेत्र और हमारे बच्चों को लेकर है. ये सारी चीज़ें मांग में कमी के चलते लगने वाले शुरुआती झटकों के बाद केंद्र में आएंगी. सरकार को अपने ख़र्च को सावधानी से तय करने की ज़रूरत है, ताकि राजकोषीय घाटे को बहुत ऊंचाई पर पहुंचने से रोका जा सके.