कश्मीरी पत्रकार ने कहा- डिलीट ट्वीट को लेकर पुलिस ने पांच घंटे तक पूछताछ की

कश्मीरी पत्रकार इरफ़ान अमीन मलिक ने जम्मू कश्मीर की फिल्म नीति के बारे में सात अगस्त की शाम को एक ट्वीट पोस्ट किया था. हालांकि ट्वीट पोस्ट करने के दो मिनट के भीतर ही उन्होंने उसे डिलीट कर दिया था, लेकिन जम्मू कश्मीर पुलिस ने आठ अगस्त को मलिक को दक्षिण कश्मीर के त्राल पुलिस स्टेशन बुलाया, जहां उनसे इस संबंध में पांच घंटे तक पूछताछ की गई.

अनुच्छेद 370 समाप्त होने के बाद जम्मू कश्मीर में बाहर के दो लोगों ने दो संपत्तियां ख़रीदीं: सरकार

पांच अगस्त, 2019 से पहले जब जम्मू कश्मीर को अनुच्छेद 370 के तहत विशेष दर्ज़ा प्राप्त था तो राज्य विधानसभा को किसी नागरिक को परिभाषित करने का संवैधानिक अधिकार था. केवल वे परिभाषित नागरिक ही राज्य में नौकरियों के लिए आवेदन करने या अचल संपत्ति ख़रीदने के हक़दार होते थे.

हमारा संविधान: अनुच्छेद-19; निवास, आने-जाने का अधिकार और पुलिस निगरानी के ख़िलाफ़ अधिकार

वीडियो: भारत के सभी नागरिकों को अधिकार है, कि वे किसी भी भाग में आ-जा सकें और अपना घर बना सके या बस सके. इसी प्रकार से डिपोर्टेशन ऑर्डर जिसके द्वारा किसी भी व्यक्ति को देश निकाला दिया जा सकता है, उस पर भी संवैधानिक अंकुश है. इस वीडियो में अधिवक्ता अवनि बंसल ने पुलिस निगरानी पर सुप्रीम कोर्ट के अलग-अलग फैसलों द्वारा अनुच्छेद-19 (1) (डी) और 19 (1) (ई) को समझा रही हैं.

हमारा संविधान: अनुच्छेद-19 एकत्र होने और संगठन बनाने का अधिकार

वीडियो: क्या भारत के नागरिक शांतिपूर्वक मिलकर बिना हथियारों के मीटिंग या धरना कर सकते है? यदि हां, तो सरकार किन आधारों पर इस अधिकार पर अंकुश लगा सकती है? इसी प्रकार क्या भारत के नागरिक यूनियन या संगठन बना सकते है? क्या सरकार इन संगठनों पर रोक लगा सकती है? इस पर भारत का संविधान क्या कहता है बता रहीं हैं सुप्रीम कोर्ट की अधिवक्ता अवनि बंसल.

हमारा संविधान: अनुच्छेद-19 (2) भाषण और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर उचित प्रतिबंध

वीडियो: क्या सरकार हमारी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर अंकुश लगा सकती है? क्या सरकार हमसे अपने भाषण का अधिकार, लिखने का अधिकार, छीन सकती है? इस वीडियो में सुप्रीम कोर्ट की अधिवक्ता अवनि बंसल समझा रही हैं कि अनुच्छेद 19 2 में वो कौन से कारण हैं, जिसके आधार पर सरकार अभिव्यक्ति के अधिकार को सीमित कर सकती है.

​हमारा संविधान: अनुच्छेद 19; प्रेस की स्वतंत्रता और असहमति का अधिकार

वीडियो: हमारा संविधान की इस कड़ी में अधिवक्ता अवनि बंसल संविधान के अनुच्छेद 19 में शामिल प्रेस की स्वतंत्रता और असहमति के अधिकार के बारे में जानकारी दे रही हैं. असहमति का अधिकार भी अभिव्यक्ति के अधिकार का अभिन्न अंग है. इसलिए सभी नागरिकों को ये अधिकार है कि वो सरकार की नीतियों पर अपनी बात खुलकर कह सके और उसे लोगों तक पहुंचा सके.

कोरोना टीकाकरण के लिए दबाव बनाना मौलिक अधिकारों का हननः मेघालय हाईकोर्ट

मेघालय हाईकोर्ट ने कहा कि दुकानदारों, टैक्सी ड्राइवरों आदि को अपना व्यवसाय दोबारा शुरू करने के लिए टीका लगाने के लिए मजबूर करना इससे जुड़े भलाई के मूल उद्देश्य को प्रभावित करता है.

हमारा संविधान: अनुच्छेद-19; अभिव्यक्ति के स्वतंत्रता का संवैधानिक अधिकार

वीडियो: अनुच्छेद-19 (1) (ए) अभिव्यक्ति के अधिकार पर आधारित है. हमारा संविधान की इस कड़ी में सुप्रीम कोर्ट की अधिवक्ता अवनि बंसल अलग-अलग फ़ैसलों की मदद से अभिव्यक्ति के अधिकार में सम्मिलित अधिकारों के बारे में बता रही हैं.

हमारा संविधान: अनुच्छेद-17 और 18, अस्पृश्यता और उपाधियों का उन्मूलन

वीडियो: संविधान के अनुच्छेद 17 के तहत जातिवाद के आधार पर होने वाली छुआछूत या अस्पृश्यता के भेदभाव को गैर-संविधानिक माना गया है. वहीं, अनुच्छेद 18 के तहत सभी प्रकार की उपाधि देने की व्यवस्था को ख़त्म कर दिया गया. इनके बारे में विस्तार से बता रही हैं सुप्रीम कोर्ट की अधिवक्ता अवनि बंसल.

हमारा संविधान: अनुच्छेद-16 और सरकारी नौकरियों में समान अवसर

वीडियो: भारतीय संविधान का अनुच्छेद 16 सरकारी नौकरियों में समानता की बात कहता है. इसके मुताबिक धर्म, जाति, लिंग आदि के नाम पर सरकारी नौकरियों में नियुक्ति और पदोन्नति में भेदभाव नहीं किया जा सकता. यदि सरकार को ये लगता है कि कुछ जाति या समुदाय के लोगों को पर्याप्त प्रतिनिधित्व नहीं मिला है, तो उनके लिए आरक्षण किया जा सकता है.

खेती के लिए सिंचाई में किसी भी तरह की बाधा पैदा करना मौलिक अधिकार का उल्लंघन: इलाहाबाद हाईकोर्ट

खेत में सिंचाई के लिए ट्यूबवेलों में बिजली आपूर्ति बहाल करने के लिए दायर एक जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान इलाहाबाद हाईकोर्ट की पीठ ने यह टिप्पणी की. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ज़िला मजिस्ट्रेट को निर्देश दिया कि क्षेत्र के ट्यूबवेलों का रखरखाव के साथ-साथ लगातार बिजली मुहैया कराई जानी चाहिए.

हमारा संविधान: न्याय की देवी और मौलिक अधिकार

वीडियो: हमारा संविधान की इस कड़ी में अधिवक्ता अवनि बंसल न्याय की देवी के बारे में जानकारी दे रही हैं. उनके हाथ में तलवार, तराजू और आंख पर काली पट्टी बंधी होना क्या दर्शाता है? मौलिक अधिकार क्यों संविधान द्वारा लाई गई सामाजिक क्रांति का प्रतीक हैं और क्यों इनकी बहुत महत्ता है?

हमारा संविधान: दोहरी नागरिकता और नागरिकता पर क़ानून में संशोधन करने की शक्ति

वीडियो: संविधान का अनुच्छेद 9 दोहरी नागरिकता पर रोक लगाता है. अनुच्छेद 10 कहता है कि नागरिकता का अधिकार जो अनुच्छेद 5 से 8 में दिया गया है, वो बना रहेगा, जब तक संसद क़ानून द्वारा उसे बदलती नहीं है. नागरिकता संबंधी कानूनों के बारे में विस्तार से बता रही हैं अवनि बंसल.

भारत में संविधान की शुरुआत के बाद किसे नागरिक माना गया

वीडियो: हमारा संविधान कार्यक्रम के सातवें एपिसोड में जानिए भारतीय संविधान बनने के बाद किसे मिला नागरिकता का अधिकार. निवास और किसी अन्य देश से आए लोगों के लिए कैसे तय किया गया नागरिकता का अधिकार.

हमारा संविधान: अनुच्छेद 1 से 4 केंद्र और उसका क्षेत्र

वीडियो: संविधान के अनुच्छेद 1 से 4 में भारत का क्षेत्रफल, नए राज्य बनाने का अधिकार, राज्यों की सीमा घटाने, बढ़ाने और उनके नाम बदलने का अधिकार, नए क्षेत्र को अर्जित करने के अधिकार के बारे में बताया गया है. साथ ही राज्य और केंद्रशासित प्रदेश में क्या अंतर है, क्या क़ानून हैं, विस्तार से बता रही हैं अवनि बंसल.

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