वरिष्ठ कांग्रेस नेता एम वीरप्पा मोइली की अगुवाई वाली वित्त पर संसद की स्थायी समिति की इस रिपोर्ट को स्वीकार कर लिया गया है. इसे संसद के शीतकालीन सत्र में पेश किया जा सकता है.
वर्तमान समय में संस्थाएं गोल हासिल करने वाली वाली कंपनी और व्यक्ति, टारगेट हासिल करने वाला एजेंट बनकर रह गया है.
बीते 23 अगस्त को घरेलू मुद्रा के शुरुआती कारोबार में फिर गिरावट देखी गई और रुपया 70 के पार चला गया. डॉलर के मुकाबले यह 27 पैसे गिरकर 70.08 पर खुला.
कांग्रेस की ओर से कहा गया है कि संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन शासन के दौरान औसतन 8.1 प्रतिशत की जीडीपी वृद्धि दर मोदी सरकार के कार्यकाल की औसत वृद्धि दर 7.3 प्रतिशत से अधिक रही है.
भारतीय रिज़र्व बैंक के आंकड़ों के मुताबिक, बीते चार माह में विदेशी मुद्रा भंडार में क़रीब 1 लाख 80 हज़ार करोड़ रुपये की कमी आई है. डॉलर के मुकाबले रुपया कमज़ोर होने के चलते केंद्रीय बैंक ने रुपये को मजबूती प्रदान करने के लिए डॉलर की बिकवाली की है.
आज़ादी के 71 साल: सरकार यह महसूस नहीं करती है कि शिक्षा, स्वास्थ्य, पोषण और सामाजिक सुरक्षा पर किया गया सरकारी ख़र्च वास्तव में बट्टे-खाते का ख़र्च नहीं, बल्कि बेहतर भविष्य के लिए किया गया निवेश है.
वित्त मंत्रालय ने भारी तंगी का सामना कर रहे बैंकों को पूंजी उपलब्ध कराने का फैसला किया है. नीरव मोदी घोटाले का शिकार पंजाब नेशनल बैंक को सबसे ज्यादा 2,816 करोड़ रुपये की पूंजी उपलब्ध कराई जाएगी.
विदेशी मुद्रा भंडार छह जुलाई को समाप्त सप्ताह में 24.82 करोड़ डॉलर घटकर 405.81 अरब डॉलर रह गया. जून 2018 में व्यापार घाटा नवंबर 2014 के बाद सबसे अधिक रहा है.
नीति आयोग के उपाध्यक्ष ने कहा कि भारत भले ही दुनिया की छठी बड़ी अर्थव्यवस्था है, लेकिन हमारी प्रति व्यक्ति आय फ्रांस के मुकाबले 20 गुना कम है.
जन गण मन की बात की 272वीं कड़ी में विनोद दुआ भारतीय अर्थव्यवस्था पर प्रसिद्ध अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन और ज्यां द्रेज की हालिया टिप्पणियों और केंद्रीय मंत्री जयंत सिन्हा के झारखंड लिंचिंग के अभियुक्तों से मिलने पर चर्चा कर रहे हैं.
प्रसिद्ध अर्थशास्त्री ज्यां द्रेज ने कहा कि सरकार ने शिक्षा, स्वास्थ्य, पोषण, सामाजिक सुरक्षा जैसे कई क्षेत्रों से जुड़ी ज़िम्मेदारियों को औद्योगिक घरानों या राज्य सरकारों के भरोसे छोड़ दिया है.
नोबेल पुरस्कार विजेता अर्थशास्त्री ने अपनी किताब ‘भारत और उसके विरोधाभास’ जारी करने के अवसर पर कहा कि सरकार ने असमानता एवं जाति व्यवस्था के मुद्दों की अनदेखी की है, अनुसूचितों को अलग रखा जा रहा है.
माकपा नेता सीताराम येचुरी ने कहा कि अर्थव्यवस्था डूब रही है और हर मामले में गरीब भारतीयों की सामान्य गुजर-बसर मुश्किल हुई है. वहीं, कांग्रेस ने प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की वृद्धि दर कम रहने को लेकर सरकार पर निशाना साधा है.
औद्योगिक नीति एवं संवर्द्धन विभाग के अनुसार, 2017-18 में देश में एफडीआई प्रवाह तीन प्रतिशत बढ़ा. जबकि 2016-17 में वृद्धि दर 8.67, 2015-16 में 29, 2014-15 में 27 और 2013-14 में 8 प्रतिशत रही थी.
रिज़र्व बैंक ने अपनी वित्तीय स्थायित्व रिपोर्ट में कहा है कि बैंकिंग क्षेत्र पर गैर-निष्पादित क़र्ज़ का दबाव बना रहेगा. आने वाले समय में यह और बढ़ेगा. मार्च 2019 तक 11.6 प्रतिशत से बढ़कर 12.2 प्रतिशत होगा.