बीते दिसंबर में उत्तर प्रदेश और हरियाणा सरकार ने इज़रायल में नौकरियों के लिए निर्माण श्रमिकों से आवेदन मांगे थे. सरकार की योजना संघर्ष प्रभावित देश में कम से कम 10,000 श्रमिकों को भेजने की है. ट्रेड यूनियनों का तर्क है कि भारत सरकार संघर्षरत क्षेत्रों में काम करने जाने वाले श्रमिकों के लिए तय सुरक्षा मानकों को नज़रअंदाज़ कर रही है.
घटना 19 दिसंबर को पिथौरागढ़ ज़िले के धारचूला में हुई. सीमा पार से काली नदी के किनारे एक सुरक्षा दीवार का निर्माण कर रहे भारतीय कामगारों पर पथराव की यह दूसरी घटना थी. इससे पहले ऐसी एक कथित घटना चार दिसंबर को हुई थी.