‘किसानों के छोटे क़र्ज़ से दिक्कत है, उन उद्योगपतियों से नहीं जो हज़ारों करोड़ का लोन डकार जाते हैं’

कृषि, रोज़गार और महंगाई समेत दूसरे आर्थिक मसलों पर द वायर के संस्थापक संपादक एमके वेणु से अमित सिंह की बातचीत.

विधायिका में मुसलमानों की घटती नुमाइंदगी लोकतंत्र के लिए बेहतर संकेत नहीं है

आंकड़े बताते हैं कि देश में मुसलमानों का राजनीतिक प्रतिनिधित्व बहुत तेज़ी से गिरता जा रहा है, जिसका मतलब होगा कि वह पूरी तरह से हाशिये पर चले जाएंगे.

भारतीय राजनीति और परिवारवाद

राजनीति में परिवारवाद से दूर रहने की सबसे ज़्यादा ज़रूरत दलित-पिछड़े नेतृत्व को है, लेकिन दुखद यह है कि ये ताकतें सबसे पहले अपने परिवार को ही अपनी विरासत सौंपती हैं.

जन की बात: राजनीति में विपक्ष और इरोम शर्मिला, एपिसोड 18

जन की बात की 18वीं कड़ी में वरिष्ठ पत्रकार विनोद दुआ भारतीय राजनीति में विपक्ष की दशा और मणिपुर में इरोम शर्मिला की मिले 90 वोट पर चर्चा कर रहे हैं.

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